

दिल्ली सरकार ने आय प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आधार नंबर को अनिवार्य करने का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसे उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य लाभार्थियों की पहचान में पारदर्शिता लाना और सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक पात्रों तक पहुँचाना है। आधार आधारित प्रमाणीकरण से प्रक्रिया सरल और विश्वसनीय होगी।
उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना
New Delhi: दिल्ली सरकार के एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत अब आय प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आधार संख्या को अनिवार्य किया गया है। इस प्रस्ताव को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मंजूरी दे दी है। आय प्रमाण पत्र दिल्ली में विभिन्न सरकारी योजनाओं और सब्सिडी के तहत वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए पात्रता निर्धारित करता है। यह कदम सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान में पारदर्शिता और विश्वसनीयता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
उपराज्यपाल कार्यालय ने बताया कि इस निर्णय से आय प्रमाण पत्र जारी करने में होने वाली किसी भी प्रकार की अनियमितताओं या कदाचार को रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिले जो इसके वास्तविक पात्र हैं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने किया समर्थन
दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा अनुमोदित इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि राजस्व विभाग द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र का उपयोग लाभार्थियों की पात्रता निर्धारण के लिए किया जाएगा। आधार आधारित प्रमाणीकरण से इस प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और कुशल बनाया जाएगा। अब लाभार्थियों को पहचान प्रमाणित करने के लिए कई दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे प्रक्रिया तेज और सुविधाजनक होगी।
राजस्व विभाग को निर्देश
उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने राजस्व विभाग को निर्देश दिए हैं कि आधार नंबर की अनिवार्यता और इससे जुड़ी सरकारी योजनाओं के बारे में जनता को जागरूक किया जाए। इस संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा ताकि योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंच सके और कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित न रहे।
यह निर्णय यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के 25 नवंबर 2019 के सर्कुलर के अनुरूप लिया गया है, जिसमें राज्यों को सरकारी योजनाओं में आधार प्रमाणीकरण को अनिवार्य करने का अधिकार दिया गया था। इस सर्कुलर के तहत केंद्र और राज्य सरकारों की वित्तीय सहायता प्राप्त योजनाओं में आधार आधारित पहचान को जरूरी बताया गया है।
सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान
आधार को अनिवार्य करने से न केवल सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान बेहतर होगी, बल्कि इससे धोखाधड़ी की संभावना भी काफी कम हो जाएगी। इसके अलावा, आधार आधारित प्रमाणीकरण से लाभार्थी को बार-बार कई दस्तावेज जमा करने की जरूरत खत्म हो जाएगी, जिससे सरकारी सेवाओं की प्रक्रिया अधिक आसान और तेज होगी।