

पद्म पुरस्कार भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से हैं। जो कला, साहित्य, विज्ञान, शिक्षा, खेल और समाज सेवा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वालों को प्रदान किए जाते हैं। केंद्र सरकार ने हाल के वर्षों में इन पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए अहम बदलाव किए हैं। आइए जानते हैं पद्म पुरस्कारों से जुड़ी पूरी प्रक्रिया और पात्रता की शर्तों को।
पद्म पुरस्कारों का कैसे होता है चयन
New Delhi: भारत सरकार ने वर्ष 1954 में पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री जैसे नागरिक पुरस्कारों की शुरुआत की। इनका मकसद विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट और असाधारण योगदान देने वाले नागरिकों को सम्मानित करना है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, कला, साहित्य, शिक्षा, विज्ञान, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक प्रशासन, खेल, व्यापार और उद्योग जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को ये पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।
बिना भेदभाव के सबको मौका
Padmaawards.gov.in वेबसाइट के अनुसार, इन पुरस्कारों के लिए कोई भी व्यक्ति चाहे उसकी पृष्ठभूमि, व्यवसाय, धर्म, लिंग या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो नामांकित हो सकता है। हालांकि, केंद्र और राज्य सरकारों के सेवारत कर्मचारी, डॉक्टर और वैज्ञानिक तब तक इस पुरस्कार के लिए पात्र नहीं होते, जब तक वे पद पर बने रहते हैं। यानी कि सेवारत सरकारी अधिकारी या कर्मचारी केवल सेवानिवृत्ति के बाद या विशेष परिस्थिति में ही इस पुरस्कार के लिए विचार योग्य होते हैं।
चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए ऑनलाइन पोर्टल
पद्म पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया को पारदर्शी और जनसहभागिता आधारित बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 1 मई 2016 को एक ऑनलाइन पोर्टल padmaawards.gov.in लॉन्च किया। इस पोर्टल पर कोई भी व्यक्ति, संस्थान, मंत्रालय या राज्य सरकार किसी योग्य व्यक्ति को नामांकित कर सकता है। नामांकन के लिए सिफारिश करने वाले को खुद की पहचान, आधार नंबर, संपर्क विवरण जैसी जानकारी देनी होती है। इससे फर्जी नामांकन या पक्षपात की संभावना को कम किया गया है।
हर साल प्रधानमंत्री गठित करते हैं चयन समिति
पद्म पुरस्कारों के नामांकन पर विचार करने के लिए हर वर्ष प्रधानमंत्री एक चयन समिति का गठन करते हैं। इस समिति का नेतृत्व कैबिनेट सचिव करते हैं और इसमें गृह सचिव, राष्ट्रपति के सचिव और 4-6 प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होते हैं। चयन समिति को सभी प्राप्त नामांकन सौंपे जाते हैं। जिनकी वे गंभीरता से समीक्षा करते हैं। समिति की सिफारिशों को गृह मंत्रालय के माध्यम से प्रधानमंत्री और फिर राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर होती है घोषणा
चयन समिति द्वारा जिन नामों को अंतिम रूप दिया जाता है। उन्हें भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री द्वारा मंजूरी दी जाती है। इसके बाद हर वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या (25 जनवरी) को इन पुरस्कारों की आधिकारिक घोषणा की जाती है।
सामान्य नागरिक भी कर सकते हैं नामांकन
इस पूरी प्रक्रिया में एक खास बात यह है कि अब सिर्फ राज्य सरकारें या मंत्रालय ही नहीं, बल्कि आम नागरिक भी किसी योग्य व्यक्ति को पद्म पुरस्कार के लिए नामांकित कर सकते हैं। इससे समाज के उन गुमनाम नायकों को सामने लाने में मदद मिली है, जिन्होंने बिना किसी प्रचार के असाधारण योगदान दिया है।