दोस्ती के बावजूद जारी मतभेद! भारत-अमेरिका संबंधों पर विदेश मंत्री का बयान, ट्रंप-मोदी मित्रता को किया रेखांकित

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच मजबूत व्यक्तिगत संबंध हैं। ट्रंप के भारत पर टिप्पणी के बावजूद भारत और अमेरिका के रिश्ते एक रणनीतिक साझेदारी पर आधारित हैं।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 6 September 2025, 2:16 PM IST
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New Delhi: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्यक्तिगत संबंध बहुत मजबूत हैं और यह भारत-अमेरिका संबंधों की स्थिरता और मजबूती में योगदान करते हैं। जयशंकर ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के साथ भारत की साझेदारी को बहुत महत्व देते हैं और इसे वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए यह भी स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच हाल के तनावों के बावजूद, भारत और अमेरिका के रिश्ते एक विशेष और रणनीतिक साझेदारी पर आधारित हैं।

भारत-अमेरिका के रिश्तों में मतभेद

प्रधानमंत्री मोदी की यह टिप्पणी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में की गई टिप्पणी के बाद आई है जिसमें उन्होंने भारत के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों को “बहुत मजबूत” बताया था, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस समय वह प्रधानमंत्री मोदी के कुछ कदमों से सहमत नहीं हैं, खासकर भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने को लेकर। ट्रंप ने कहा था कि वह हमेशा मोदी के मित्र रहेंगे, लेकिन इस समय वह भारत के कुछ कदमों से संतुष्ट नहीं हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के बयान का स्वागत करते हुए कहा था, "मैं राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे रिश्तों के सकारात्मक आकलन की गहरी सराहना करता हूँ और पूरी तरह से उनका समर्थन करता हूँ।

भारत-अमेरिका संबंधों पर विदेश मंत्री का बयान

भारत और अमेरिका के रिश्तों में बुनियादी अंतर

ट्रंप के बयान में यह स्पष्ट था कि वह व्यक्तिगत रूप से मोदी को एक महान नेता मानते हैं, लेकिन उनके देश की विदेश नीति और आर्थिक निर्णयों से कुछ असहमतियां हैं। उन्होंने ओवल ऑफिस में कहा, "मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूँगा, वह महान प्रधानमंत्री हैं। वह एक महान नेता हैं, लेकिन इस समय मुझे जो हो रहा है, वह मुझे पसंद नहीं आ रहा है।" ट्रंप के इस बयान से यह संकेत मिलता है कि दोनों देशों के रिश्ते हमेशा उतने सहज नहीं होते जितने दिखाई देते हैं, फिर भी इन रिश्तों की विशेषता यह है कि उनके बीच एक मजबूत व्यक्तिगत स्तर की मित्रता और सामरिक साझेदारी कायम है।

भारत-अमेरिका साझेदारी और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण

ट्रंप के इन बयानों के बावजूद, भारत और अमेरिका के रिश्तों में सकारात्मक दृष्टिकोण बनी हुई है। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी केवल व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समग्र रूप से वैश्विक शांति, सुरक्षा और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि, "हमारा संबंध सिर्फ व्यापार या नीति तक सीमित नहीं है, यह एक वैश्विक दृष्टिकोण है, जो दोनों देशों के लिए लंबे समय तक लाभकारी रहेगा।"

ट्रंप के बयान और भविष्य के रिश्ते

अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी यह स्वीकार किया कि कभी-कभी दोनों देशों के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने भारत और अमेरिका के रिश्तों को महत्वपूर्ण और विशेष बताया। उन्होंने कहा, "भारत और अमेरिका के बीच एक बहुत खास रिश्ता है। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। हमारे बीच कभी-कभी कुछ क्षण ऐसे आते हैं, लेकिन इस रिश्ते की बुनियाद मजबूत है।" ट्रंप का यह बयान यह संकेत देता है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते अब भी दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली रिश्तों में से एक माने जाते हैं, जिनमें समय-समय पर मतभेद जरूर हो सकते हैं, लेकिन यह सहयोगात्मक और रणनीतिक साझेदारी आगे बढ़ेगी।

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