

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हुआ हमला राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। हमलावर की पहचान राजकोट निवासी राजेश खिमजी के रूप में हुई है, जिसे हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम की सुरक्षा बढ़ाने पर विचार हो रहा है।
दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता (Img: Google)
New Delhi: राजधानी दिल्ली में उस समय हड़कंप मच गया जब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर उनके ही सरकारी आवास पर जनसुनवाई के दौरान हमला कर दिया गया। यह घटना तब हुई जब लोग अपनी शिकायतें और समस्याएं लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे। तभी 41 वर्षीय राजेश खिमजी भाई सकरिया नामक व्यक्ति ने अचानक मुख्यमंत्री पर हमला बोल दिया।
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए हमलावर को तुरंत हिरासत में ले लिया और उसी रात कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है, जहां उससे लगातार पूछताछ की जा रही है।
आरोपी की पहचान गुजरात के राजकोट निवासी के रूप में हुई है। उसकी मानसिक स्थिति को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि पूछताछ में उसने जो बयान दिए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। राजेश का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली की सड़कों से कुत्तों को हटाने के आदेश के बाद उसे "शिवलिंग में भैरव स्वरूप" के दर्शन हुए। उसके अनुसार, ईश्वर की प्रेरणा से ही वह दिल्ली आया था और मुख्यमंत्री से मिलना चाहता था।
राजेश ने बताया कि जब जनसुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उसकी बात को गंभीरता से नहीं लिया, तो उसने गुस्से में आकर हमला कर दिया। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हमला पूर्व-नियोजित था या अचानक गुस्से में किया गया कोई कृत्य। पुलिस इन सभी पहलुओं की गहनता से जांच कर रही है।
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दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक की भी जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसके आधार पर सीएम रेखा गुप्ता की सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि आरोपी अकेले आया था या उसके पीछे कोई संगठित साजिश है।
घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पहुंचे। सांसद योगेंद्र चंदोलिया, मनोज तिवारी और बांसुरी स्वराज ने रेखा गुप्ता से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना और उन्हें हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।