

भारत सरकार ने 2035 तक ‘सुदर्शन चक्र मिशन’ के तहत देश को अभेद्य सुरक्षा कवच देने का ऐलान किया है। इसका उद्देश्य युद्ध की भविष्यवाणी करना और दुश्मन के खिलाफ सटीक हथियार विकसित करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि अब भारत किसी भी आतंकी हमले पर सीधा और करारा जवाब देगा।
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New Delhi: भारत सरकार अब 2035 तक सुदर्शन चक्र मिशन के तहत देश को एक अभेद्य सुरक्षा कवच देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य आने वाले युद्धों की पूर्व-भविष्यवाणी करना और ऐसी उन्नत टेक्नोलॉजी विकसित करना है जो दुश्मन को सटीक निशाने पर ले सके। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सुरक्षा को नई दिशा देने के संकेत दिए हैं, जो सिर्फ तात्कालिक जवाब नहीं बल्कि दीर्घकालिक सुरक्षा पर केंद्रित है।
भारत की बढ़ती रक्षा ताकत और निर्यात में इजाफा
मोदी सरकार के पिछले 11 सालों में भारत की रक्षा नीति में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं। 2013-14 में जहां रक्षा बजट ₹2.53 लाख करोड़ था, वहीं अब यह बढ़कर ₹6.81 लाख करोड़ हो चुका है। यह धनराशि अब केवल हथियार खरीदने पर खर्च नहीं हो रही, बल्कि हथियार बनाने पर भी खर्च हो रही है।
₹23,622 करोड़ तक पहुंचा
2024-25 में भारत का घरेलू रक्षा उत्पादन ₹1.50 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है, जो 2014-15 की तुलना में तीन गुना अधिक है। भारत अब खुद लड़ाकू विमान, मिसाइल सिस्टम, युद्धपोत, एयरक्राफ्ट कैरियर और तोपें बना रहा है। इसके अलावा भारत ने 100 से ज्यादा देशों को हथियारों की आपूर्ति की है, जिनमें अमेरिका और फ्रांस भी शामिल हैं। 2024-25 में भारत का रक्षा निर्यात ₹23,622 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले 10 सालों में 34 गुना बढ़ा है।
देश आत्मनिर्भर बनेगा
सरकार ने साफ किया है कि 2035 तक भारत के पास एक ऐसी रक्षा प्रणाली होगी, जो न केवल रणनीतिक क्षेत्र में बल्कि नागरिक क्षेत्रों में भी देश को हर प्रकार के दुश्मन के हमले से बचा सके। इसके लिए भारत में ही रक्षा प्रौद्योगिकी का विकास किया जाएगा, जिससे देश आत्मनिर्भर बनेगा।
आतंकी हमलों पर तगड़ा जवाब
भारत ने एक नई रणनीति अपनाते हुए यह साफ कर दिया है कि अब किसी भी आतंकी हमले पर सीधा और करारा जवाब दिया जाएगा। मई 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का सटीक उदाहरण सामने आया, जहां भारत ने मिसाइलों और ड्रोन स्ट्राइक्स से पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया, जिनमें कई आईसी-814 हाइजैकिंग और पुलवामा हमले से जुड़े थे। पाकिस्तान ने जवाबी हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना की काउंटर-ड्रोन और मिसाइल शील्ड ने उन्हें हवा में ही नष्ट कर दिया।
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