Explainer: क्या है NIA? जिसे सौंपी गई दिल्ली कार ब्लास्ट की जांच, इनके पास सफलता तो बहुत है लेकिन वर्क लोड उससे ज्यादा

दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए कार धमाके की जांच अब नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी यानि NIA को सौंप दी गई है। क्या है ये एजेंसी और कब उसको सौंपी जाती है जांच, कैसी है उसकी सफलता की दर जानिए इस खबर में

Post Published By: Shiwali Keshari
Updated : 11 November 2025, 7:25 PM IST
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New Delhi: दिल्ली में 10 नवंबर को हुए भयंकर कार विस्फोट को आतंकवादी घटना माना जा रहा है। इस हादसे में करीब 12 लोगों की मौत हुई और आसपास का इलाका पूरी तरह दहल गया। विस्फोट की आवाज दूर-दूर तक सुनी गई। घटना के कुछ ही घंटों बाद जांच की जिम्मेदारी नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई, जो विशेष रूप से आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े मामलों की जांच करती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस एजेंसी की अपनी जांच और सफलता की दर काफी प्रभावशाली मानी जाती है। आइए जानते हैं इस एजेंसी के बारे में हर जरूरी जानकारी।

किन मामलों में बनाया गया NIA?

 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के बाद देश में एक ऐसी केंद्रीय एजेंसी की आवश्यकता महसूस हुई, जो सिर्फ आतंकवादी घटनाओं की जांच ही नहीं कर सके, बल्कि आतंकवादियों और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी और कार्रवाई में भी सक्षम हो। इसी ज़रूरत को देखते हुए नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) की स्थापना 31 दिसंबर 2008 को की गई। यह एजेंसी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी एक्ट, 2008 के तहत बनी और इसे विशेष रूप से आतंकवादी गतिविधियों की जांच और उससे जुड़े मामलों में कार्रवाई के लिए अधिकार प्रदान किए गए।

What is NIA

क्या है NIA (Image: Internet)

इसकी स्थापना तत्कालीन UPA सरकार के गृह मंत्री पी चिदंबरम के नेतृत्व में की गई। मुंबई हमले ने भारत के खुफिया तंत्र और जांच एजेंसियों में मौजूद कमियों को उजागर किया, जैसे राज्य-स्तरीय सीमाओं के कारण जांच में देरी और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन का अभाव। इन कमियों को देखते हुए सरकार ने महसूस किया कि ऐसे गंभीर मामलों की बिना किसी बाधा के जांच करने वाली एक नई केंद्रीय एजेंसी की आवश्यकता है, और इसी जरूरत के तहत एनआईए का गठन किया गया।

NIA क्या है और इसका काम क्या है?

नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य गंभीर अपराधों की जांच करती है। इसके तहत आतंकी कृत्य, विस्फोटक पदार्थों से जुड़े अपराध, नकली मुद्रा की तस्करी जैसी घटनाओं की जांच शामिल है।

NIA पूरे देश में बिना राज्य सरकार की अनुमति के केस दर्ज कर सकती है, यानी इसके पास खुद संज्ञान लेकर जांच करने का अधिकार है। 2019 के संशोधन के बाद, यह भारत के बाहर हुए अपराधों की जांच भी कर सकती है, बशर्ते अंतरराष्ट्रीय संधियां और विदेशी कानून अनुमति दें। NIA संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के आतंकवाद-रोधी समझौतों को लागू करने में भी मदद करती है।

एनआईए का मुख्य उद्देश्य भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने वाले अपराधों से निपटना है। एजेंसी आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों से जांच करती है, आतंकवादी डेटाबेस तैयार करती है और राज्य पुलिस व अन्य एजेंसियों के साथ सहयोग करती है। आज NIA न केवल आतंकवाद बल्कि साइबर आतंकवाद और गैंगस्टर-आतंकी गठजोड़ से भी निपटती है।

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NIA किस मंत्रालय के अधीन है और इसकी संरचना कैसी है?

एनआईए केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करती है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और पूरे देश में इसके 8 शाखा कार्यालय हैं।

इसमें IPS, IRS और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के अधिकारी के साथ-साथ राज्य पुलिस अधिकारी डेप्यूटेशन पर काम करते हैं।

  • महानिदेशक: वर्ष 2017 से वाई. सी. मोदी
  • कुल पद: 1,901 (जांचकर्मी, तकनीकी स्टाफ, प्रशासनिक कर्मचारी और विभिन्न रैंक के अधिकारी)
  • समय-समय पर स्टाफ की संख्या में बढ़ोतरी होती रही है।

NIA को कैसे सौंपा जाता है काम, क्या है प्रक्रिया?

आम तौर पर आतंकवाद या राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गंभीर मामलों की जांच एनआईए को सौंप दी जाती है।

  • केंद्रीय गृह मंत्रालय मामले को एनआईए को ट्रांसफर करता है।
  • राज्य सरकार भी केंद्र से अनुरोध कर सकती है यदि उन्हें लगता है कि मामला एनआईए के दायरे में आता है।
  • केंद्र की मंजूरी के बाद मामला एनआईए को सौंपा जाता है, ताकि एजेंसी घटना स्थल पर पहुंचकर तुरंत जांच शुरू कर सके।

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NIA के क्या हैं विशेष पॉवर्स?

एनआईए के पास कई विशेष अधिकार और शक्तियां हैं, जिनमें बिना वारंट गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती करना, तथा डेटाबेस तैयार करना शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी एक निर्णय में स्पष्ट किया है कि एनआईए केवल स्केड्यूल्ड अपराधों तक सीमित नहीं है, बल्कि ऐसे गैर-स्केड्यूल्ड अपराधों (जैसे ड्रग्स की तस्करी) की भी जांच कर सकती है।

NIA की सफलता दर और मामले:

एनआईए की सफलता दर काफी प्रभावशाली मानी जाती है। स्थापना के 17 वर्षों में एनआईए ने लगभग 700 से अधिक मामले दर्ज किए, जिनमें से 147 मामलों में फैसला सुनाया गया। इन मामलों में दोषसिद्धि दर (कन्विक्शन रेट) 95.23% रही, जो अन्य जांच एजेंसियों की तुलना में कहीं अधिक है।

कुछ प्रमुख सफलताएं

  • 2013 इंडियन मुजाहिदीन केस- यासीन भटकल और हद्दी की गिरफ्तारी, कई हमलों का खुलासा।
  • 26/11 मुंबई हमला- 2025 में साजिशकर्ताओं में से तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर गिरफ्तारी।
  • 2024 रमेश्वरम कैफे ब्लास्ट- तेजी से जांच और आरोपी गिरफ्तार।
  • 2025 भोपाल आतंकी साजिश- हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े 6 आरोपी चार्जशीट।

इसके अलावा एनआईए ने कई अन्य मामलों में सफलता हासिल की, हथियार और विस्फोटक जब्त किए और 19 राज्यों में आतंकी नेटवर्क तोड़े।

लंबित मामले (नवंबर 2025 तक)

नवंबर 2025 तक एनआईए के पास लगभग 500- 550 मामले लंबित हैं। कुल 700 से अधिक दर्ज मामलों में से 147 में फैसला हो चुका है, जबकि बाकी मामले जांच, चार्जशीट या ट्रायल स्टेज में हैं। 2024 में 80 नए मामले दर्ज होने से एजेंसी का कार्यभार और बढ़ गया।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 11 November 2025, 7:25 PM IST