Covid-19: कोरोना वायरस फिर बढ़ा रहा है चिंता, WHO ने इन वैरिएंट्स को बताया खतरा

कोरोना वायरस हर कुछ महीनों में एक नई लहर के रूप में लौटता रहा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 22 June 2025, 4:38 PM IST
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नई दिल्ली: पिछले पांच वर्षों से कोरोना वायरस हर कुछ महीनों में एक नई लहर के रूप में लौटता रहा है। बदलते वैरिएंट्स और म्यूटेशन्स के चलते दुनियाभर के वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संगठन सतर्कता बनाए हुए हैं। 2025 की गर्मी के दौरान भारत सहित कई देशों में कोरोना के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई, जिसने एक बार फिर चिंता की लहर पैदा कर दी।

भारत में क्या है मौजूदा स्थिति?

22 मई से 15 जून 2025 के बीच भारत में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 7400 के पार पहुंच गई थी। हालांकि, बीते कुछ दिनों से इनमें गिरावट देखी जा रही है। 22 जून को स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड डैशबोर्ड के मुताबिक, सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 4754 रह गई है। यह राहत की बात जरूर है, लेकिन संक्रमण के नए रूपों को देखते हुए किसी भी प्रकार की लापरवाही नुकसानदायक हो सकती है।

Covid-19 (Source-Internet)

कोविड-19 (सोर्स-इंटरनेट)

नए वैरिएंट्स की पहचान: निंबस और स्ट्राटस

हाल के मामलों की जांच में सामने आया है कि कोरोना की इस नई लहर के पीछे मुख्य रूप से NB.1.8.1 (निंबस) और XFG (स्ट्राटस) जैसे सब-वैरिएंट्स जिम्मेदार हैं। वैज्ञानिकों ने पाया है कि इन वैरिएंट्स में कुछ नए म्यूटेशंस देखने को मिले हैं, जो इन्हें पहले की तुलना में अधिक संक्रामक बना सकते हैं। इन्हीं संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने NB.1.8.1 को अब 'वैरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग' के रूप में वर्गीकृत कर दिया है।

क्या होता है वैरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग?

WHO द्वारा किसी वैरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग' घोषित करने का मतलब है कि यह वायरस का ऐसा रूप है जिस पर सावधानीपूर्वक नजर रखने की जरूरत है। इसका प्रभाव भले ही फिलहाल गंभीर न हो, लेकिन इसकी संक्रामकता, प्रभाव और म्यूटेशन की गति को लेकर वैज्ञानिकों द्वारा लगातार अध्ययन किया जा रहा है। इससे पहले इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' की श्रेणी में रखा गया था।

WHO की रिपोर्ट में शामिल 6 वैरिएंट्स

  • KP.3
  • KP.3.1.1
  • LB.1
  • XEC
  • LP.8.1
  • NB.1.8.1 (निंबस)

विशेषज्ञों के मुताबिक, इन सभी वैरिएंट्स में ऐसे म्यूटेशन देखे गए हैं जो तेज़ी से संक्रमण फैलाने की क्षमता रखते हैं। हालांकि अभी तक इनसे गंभीर बीमारी या मृत्यु दर में विशेष वृद्धि दर्ज नहीं की गई है, फिर भी स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगातार इनपर नजर बनाए हुए हैं।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 22 June 2025, 4:38 PM IST

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