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कांग्रेस ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली आयोजित की, जिसमें ‘वोट चोरी’ और चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ियों के खिलाफ सरकार और चुनाव आयोग पर आरोप लगाए गए। रैली में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं के साथ महिला कार्यकर्ताओं की बड़ी भागीदारी भी देखने को मिली।
New Delhi: दिल्ली के रामलीला मैदान में आज कांग्रेस ने एक विशाल रैली का आयोजन किया, जिसमें पार्टी के कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। यह रैली विशेष रूप से ‘वोट चोरी’ और चुनाव प्रक्रिया में कथित गड़बड़ियों को लेकर आयोजित की गई। कांग्रेस ने इस रैली के जरिए सरकार और निर्वाचन आयोग पर चुनावों में मिलीभगत का आरोप लगाते हुए उन्हें कठघरे में खड़ा किया। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सरकार चुनाव प्रक्रिया को नियंत्रित कर लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश कर रही है। रैली में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के साथ बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता भी शामिल हुईं।
कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह सिर्फ कांग्रेस की आवाज नहीं है, बल्कि पूरे देश की आवाज है। सुरजेवाला ने कहा, "राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में उठने वाली यह हुंकार 144 करोड़ लोगों की आवाज है। लोकतंत्र का आधार वोट है। अगर वोट देने का अधिकार ही छीन लिया जाएगा तो न लोकतंत्र बचेगा, न संविधान। जब वोट और संविधान नहीं होंगे, तो न पेंशन मिलेगी, न राशन, न सड़क और न अस्पताल। राहुल गांधी यही लड़ाई लड़ रहे हैं।" सुरजेवाला ने कांग्रेस की नीतियों का समर्थन करते हुए कहा कि यह रैली भारत के लोकतंत्र को बचाने के लिए है।
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मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जितेंद्र पटवारी ने रैली में कहा, "भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, लेकिन मौजूदा हालात लोगों के विश्वास को कमजोर कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि "लोगों को तब भरोसा होगा जब उन्हें लगेगा कि वे अपनी सरकार और जनप्रतिनिधि खुद चुन रहे हैं।" पटवारी ने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाया और आरोप लगाया कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को चुनाव प्रक्रिया से हटा दिया गया, ताकि भाजपा का चुनाव आयुक्त बन सके। यह पूरी प्रक्रिया लोकतंत्र पर एक बड़ा हमला है। पटवारी ने यह भी कहा कि कांग्रेस देश को आज़ादी दिलाने वाली पार्टी है और वोट की रक्षा के लिए आखिरी सांस तक लड़ेगी।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने रैली में कहा कि राहुल गांधी ने संसद के अंदर यह साफ तौर पर कहा है कि वोट का अधिकार देश के स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान निर्माताओं का सबसे बड़ा उपहार है। गोगोई ने कहा, "यह वोट 140 करोड़ लोगों की ताकत और आवाज है। भाजपा वोट चोरी के जरिए इस आवाज को खत्म करना चाहती है। मैं राहुल गांधी का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने पदयात्रा से लेकर संसद तक आम लोगों के वोट के अधिकार की लड़ाई लड़ी है। कांग्रेस पार्टी इस अधिकार की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।"
रामलीला मैदान में आयोजित इस रैली में महिला कार्यकर्ताओं की भागीदारी काफी जोरदार रही। देशभर से महिला नेता और कार्यकर्ता दिल्ली पहुंचे थे और उन्होंने रैली को भरपूर समर्थन दिया। महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश और उत्साह रैली में साफ नजर आया। कांग्रेस पार्टी ने इस रैली के माध्यम से महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
राजस्थान महिला कांग्रेस अध्यक्ष सागरिका सिंह ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, "यह रैली कोई साधारण राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह संविधान को बचाने और लोगों को जागरूक करने के लिए है।" उन्होंने कहा कि "सरकारें सुन नहीं रही हैं, एजेंसियां सरकार के नियंत्रण में हैं और इतने सबूतों के बावजूद चुनाव आयोग चुप है। राहुल गांधी लगातार यह मुद्दा उठा रहे हैं कि सरकार वोट चोरी में शामिल है और चुनाव आयोग के साथ मिलीभगत है। यह लोकतंत्र और संविधान पर बड़ा हमला है।"
मध्य प्रदेश कांग्रेस की उपाध्यक्ष किरण सिंह ने कहा कि वे राहुल गांधी के समर्थन में रैली में शामिल हुई हैं। उन्होंने आरोप लगाया, "भाजपा का इरादा हमेशा अधिकारियों के जरिए वोटों में हेरफेर करके कांग्रेस को हराने का रहा है, जो पूरी तरह गलत है। हम मिलकर लोकतंत्र की रक्षा सुनिश्चित करेंगे।"