15 सालों का इंतजार खत्म: इतने दिन बाद भारत में शुरू होगी जनगणना, जानिए इस बार क्या होगा खास?

देशवासियों का इंतजार अब खत्म हुआ। देश में 15 साल बाद जातीय जनगणना होने जा रही है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Manoj Tibrewal Aakash
Updated : 16 June 2025, 2:22 PM IST
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नई दिल्ली: देश को लंबे समय से अगली जनगणना का इंतजार था और अब आखिरकार यह ऐतिहासिक प्रक्रिया शुरू हो गई है। गृह मंत्रालय ने जनगणना अधिनियम 1948 के तहत जनगणना और जातीय जनगणना से संबंधित आधिकारिक गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, इस नोटिफिकेशन के बाद अब संबंधित एजेंसियों और अधिकारियों की गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। जो जनगणना की तमाम तैयारियों में जुट जाएंगी।
कोरोना की वजह से तीन साल बाद होगी जनगणना
हर दस साल में होने वाली जनगणना को लेकर भारत की गिनती दुनिया के सबसे बड़े प्रशासनिक अभियानों में होती है। इसकी जिम्मेदारी ऑफिस ऑफ रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर को दी जाती है। 2021 में जनगणना होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण यह टल गई। अब यह प्रक्रिया 2025 में शुरू हो रही है। जिसकी वजह से अगली जनगणना अब 2035 में होगी।
दो चरणों में पूरी होगी प्रक्रिया
•पहला चरण: एक अक्टूबर 2026 तक पूरा किया जाएगा।
•दूसरा और अंतिम चरण: एक मार्च 2027 तक खत्म होगा।
जनगणना की रिफरेंस डेट 1 मार्च 2027 की मध्य रात्रि होगी। इस तारीख को देश की जो भी जनसंख्या और सामाजिक स्थिति होगी, वही रिकॉर्ड में दर्ज की जाएगी। विशेष इलाकों जैसे जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड में मौसम की वजह से यह प्रक्रिया अक्टूबर 2026 तक ही पूरी की जाएगी और वहीं की रिफरेंस डेट 1 अक्टूबर 2026 होगी।
डिजिटल तकनीक से होगी जनगणना
इस बार जनगणना पूरी तरह डिजिटल तकनीक आधारित होगी। इसमें मोबाइल ऐप, टैबलेट और स्व-गणना का विकल्प भी दिया जाएगा। प्रक्रिया की शुरुआत 31 दिसंबर 2024 तक सभी प्रशासनिक इकाइयों की तैयारी से होगी। इसके बाद 34 लाख से अधिक कर्मचारी इस कार्य में भाग लेंगे। जिन्हें डिजिटल टूल्स की ट्रेनिंग दी जाएगी।
प्रोफॉर्मा और जातिगत आंकड़े
1.हाउसिंग सेंसस: जिसमें घरों की स्थिति, सुविधाएं, पेयजल, बिजली, शौचालय, और संपत्ति से जुड़े सवाल होंगे।
2.पॉपुलेशन सेंसस: इसमें व्यक्ति की आयु, लिंग, शिक्षा, रोजगार, वैवाहिक स्थिति, धर्म, जाति, उपजाति, प्रवास और परिवार की जानकारी ली जाएगी।
1931 के बाद पहली बार जातीय गणना
आजादी के बाद पहली बार 2025 की जनगणना में OBC, SC, ST और सामान्य वर्ग की जातियों की भी गणना की जाएगी। 1931 के बाद यह पहला अवसर है जब जाति-आधारित आंकड़े जनगणना के माध्यम से जुटाए जाएंगे। इससे न सिर्फ सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को समझने में मदद मिलेगी, बल्कि सरकार की नीति निर्माण, आरक्षण व्यवस्था और कल्याणकारी योजनाओं की योजना में भी सहायता मिलेगी।
जनगणना के बाद परिसीमन और महिला आरक्षण
एक बार जनगणना पूरी हो जाने के बाद, 2028 तक लोकसभा और विधानसभा सीटों के परिसीमन की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। परिसीमन के बाद ही महिलाओं के लिए 33% आरक्षण वाली सीटों का निर्धारण किया जाएगा। इससे पहले 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले आरक्षित सीटों की तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी। हालांकि दक्षिण भारतीय राज्यों में इस पर चिंता है क्योंकि उनकी जनसंख्या अन्य राज्यों से कम है। जिससे उन्हें डर है कि लोकसभा में उनकी सीटें कम हो सकती हैं। केंद्र सरकार ने भरोसा दिलाया है कि परिसीमन प्रक्रिया में उनकी चिंताओं का ध्यान रखा जाएगा।

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