CBI का बड़ा एक्शन: डिजिटल अरेस्ट कांड में बैंक मैनेजर गिरफ्तार, जानें कैसे करता था साइबर अपराधियों की मदद

सीबीआई ने 11 नवंबर 2025 को मुंबई में एक ऐक्सस बैंक के मैनेजर नीतीश राय को म्युल/खच्चर खाते खोलने और साइबर अपराधियों को सहायता देने के आरोप में गिरफ्तार किया। आरोपी पर रिश्वत लेकर खाते खोलने, कागजी कार्रवाई में मिलावट और डिजिटल अरेस्ट जैसी धोखाधड़ियों के लिए वित्तीय चैनल प्रदान करने का आरोप है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 12 November 2025, 4:28 PM IST
google-preferred

New Delhi: डिजिटल अरेस्ट नामक बड़े साइबर धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने 11 नवंबर 2025 को मुंबई में ऐक्सस बैंक के मैनेजर नीतीश राय को गिरफ्तार कर लिया है। जांच के दौरान यह आरोप सामने आए हैं कि बैंक अधिकारी ने म्युल/खच्चर खातों (mule accounts) खोलने में सक्रिय भूमिका निभाई और साइबर अपराधियों के साथ मिलीभगत कर अवैध रिश्वत ली।

कैसे करता था ठगी?

सीबीआई ने बताया कि गिरफ्तार बैंक मैनेजर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खातों के खोलने संबंधी फॉर्म और वेरिफिकेशन प्रक्रिया को संसाधित किया। जिससे साइबर अपराधियों को धोखाधड़ी से प्राप्त धन को जमा कराने, स्तरीकरण (layering) और आगे ट्रांसफर करने के लिए आवश्यक बैंकिंग चैनल मिल गए। शुरुआती जांच से स्पष्ट हुआ है कि इन खातों का उपयोग डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी सहित कई साइबर अपराधों में किया गया।

रामनगर जंगल में मिला बुजुर्ग का शव, परिवार में फैली चिंता और दहशत, जानें क्या है मामला

डिजिटल अरेस्ट के आरोपी पहले ही जा चुके जेल

आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PC Act) और बैंकरों के लिए लागू संबंधित विनियमों (BNS) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को मुंबई की सक्षम अदालत में पेश कर सीबीआई ने आगे की पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में भेजा। सीबीआई ने यह भी कहा कि जिन दो साइबर अपराधियों ने बैंक मैनेजर को अवैध रिश्वत दी, उन्हें भी FIR में नामजद कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत लोक सेवक को रिश्वत देने के आरोप में शामिल किया गया है। दोनों अपराधियों को पहले ही डिजिटल अरेस्ट मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया जा चुका है।

बैंक फाइनेंशियल सिस्टम के जरिए रुपये को क्लीन करने की कोशिश

जांच के दौरान एकत्रित सबूतों से एक संगठित साइबर अपराध नेटवर्क के व्यापक पैटर्न का संकेत मिलता है- यह नेटवर्क निर्दोष नागरिकों से चुराई गई धनराशि को जमा करने के लिए खच्चर खाते खोलकर बैंकिंग प्रणाली का शोषण कर रहा था। ऐसे म्यूल खातों के सहारे धोखाधड़ी से प्राप्त धन को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित कर काफी खातों में भेजा जाता था, जिससे ट्रैक करना कठिन होता था और फाइनेंशियल सिस्टम के जरिए धन को क्लीन करने की कोशिश की जाती थी।

रामनगर जंगल में मिला बुजुर्ग का शव, परिवार में फैली चिंता और दहशत, जानें क्या है मामला

बैंकरों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई

सीबीआई ने स्पष्ट किया कि निजी और सहकारी बैंकों में कार्यरत किसी भी बैंक कर्मी की सक्रिय या निष्क्रिय भागीदारी पाए जाने पर उन्हें भारतीय दंड संहिता (IPC), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और संबंधित साइबर कानूनों के तहत दंडनीय बनाया जाएगा। एजेंसी ने कहा है कि वह ऐसे बैंकरों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है जो बैंकिंग प्रणाली का दुरुपयोग कर साइबर अपराधियों को मदद पहुंचाते हैं।

आगे की जांच जारी

सीबीआई ने आगे कहा कि वह ऐसे साइबर-आधारित बुनियादी ढांचे की पहचान कर उसे निष्क्रिय करने के लिए समन्वित कार्रवाई कर रही है। जिससे भोले-भाले नागरिकों का शोषण और वित्तीय धोखाधड़ी रुक सके। जांच टीमों को डिजिटल ट्रेल, बैंकिंग लेनदेन, KYC दस्तावेजों और संचार रिकॉर्ड की विस्तृत पड़ताल करने के निर्देश दिए गए हैं। मामले में और गिरफ्तारी की संभावना बनी हुई है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 12 November 2025, 4:28 PM IST