

नई दिल्ली में ED ने रिलायंस ADAG के CFO अशोक कुमार पाल को फर्जी बैंक गारंटी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई अनिल अंबानी समूह की वित्तीय साख और कॉर्पोरेट पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाती है, जो पहले से संकटों से घिरा हुआ है।
नई दिल्ली: अनिल अंबानी के बिज़नेस साम्राज्य को एक और बड़ा झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) और कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार पाल को फर्जी बैंक गारंटी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी रिलायंस ग्रुप की वित्तीय साख और कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक, अशोक पाल पर आरोप है कि उन्होंने रिलायंस पावर लिमिटेड के तहत फर्जी बैंक गारंटियों की मदद से बैंकों और वित्तीय संस्थानों से बड़ी रकम हासिल करने की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। यह कथित वित्तीय धोखाधड़ी मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) के दायरे में आती है, जिस पर ED ने कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में लिया है।
ED ने पहले ही इस मामले में कई दस्तावेज, डिजिटल सबूत और बैंक रिकॉर्ड्स जब्त किए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जांच एजेंसी इस पूरे मामले में शामिल अन्य अधिकारियों और संस्थाओं की भी भूमिका की जांच कर रही है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
अनिल अंबानी (फोटो सोर्स गूगल)
एक समय भारत के सबसे बड़े कारोबारी घरानों में शामिल रहा अनिल अंबानी ग्रुप बीते कुछ वर्षों से भारी कर्ज, वित्तीय संकट और कानूनी जांच के दौर से गुजर रहा है। अब CFO स्तर के अधिकारी की गिरफ्तारी ग्रुप की स्थिति को और भी कमजोर कर सकती है।
यह मामला अनिल अंबानी की कारोबारी छवि पर भी असर डाल सकता है, जो पहले से ही कई न्यायिक और वित्तीय विवादों में घिरे हुए हैं। ग्रुप की कंपनियों जैसे रिलायंस पावर, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर आदि पहले ही पूंजी की कमी और बाजार में भरोसे की गिरावट झेल रही हैं।
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ED द्वारा अशोक पाल से पूछताछ जारी है और उन्हें अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जा सकता है। जांच एजेंसी इस बात की तह में जाना चाहती है कि इस योजना में और कौन-कौन शामिल था और कितनी रकम को अवैध रूप से प्राप्त किया गया।