

प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल अंबानी और रिलायंस कम्युनिकेशंस के खिलाफ 2929 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का नया केस दर्ज किया है। ED ने अनिल अंबानी के पूर्व सहयोगी अमिताभ झुनझुनवाला से भी पूछताछ की है।
अनिल अंबानी पर नया केस दर्ज
New Delhi: रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन और उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी, उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और अन्य आरोपियों के खिलाफ 2,929 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत नया केस दर्ज किया है। यह मामला सीबीआई की जांच रिपोर्ट पर आधारित है, जिसमें अनिल अंबानी और उनकी कंपनी को बैंक को भारी नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।
यह मामला करीब दस साल पुराना है, जब रिलायंस कम्युनिकेशंस ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से बड़ी रकम का कर्ज लिया था, लेकिन उस राशि को लौटाने में विफल रही। इसके बाद सीबीआई ने इस कर्ज घोटाले की जांच शुरू की और अनिल अंबानी को इस मामले में जिम्मेदार ठहराया। सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया।
रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन और उद्योगपति अनिल अंबानी
अनिल अंबानी और उनकी कंपनी के खिलाफ पहली बार 2,929 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड का केस सीबीआई ने दर्ज किया था। इसके बाद अनिल अंबानी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला तब का है, जब वे कंपनी में गैर-कार्यकारी निदेशक थे और कंपनी के रोज़मर्रा के कामकाज से उनका कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने इसे जानबूझकर निशाना बनाने की कोशिश बताया।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस केस में आगे जांच शुरू कर दी है। मंगलवार को ED ने अनिल अंबानी के पूर्व करीबी और निवेशक अमिताभ झुनझुनवाला से भी पूछताछ की। झुनझुनवाला का नाम पहले भी जांच के दौरान सामने आ चुका है। माना जा रहा है कि अमिताभ झुनझुनवाला के बिजनेस रिश्ते और लेन-देन की जांच भी इस मामले में की जाएगी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को हुए 2,929 करोड़ रुपये के नुकसान के लिए अनिल अंबानी और रिलायंस कम्युनिकेशंस को दोषी ठहराया है। इस मामले में कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी और दस्तावेजों को जब्त किया गया। अब इस केस की जांच प्रवर्तन निदेशालय के मनी लॉन्ड्रिंग विंग द्वारा आगे बढ़ाई जा रही है।
इस मामले पर अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने कहा है कि वह पूरी तरह निर्दोष हैं और उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उनका कहना है कि यह पुराना मामला है और इसमें उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। साथ ही, उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां राजनीतिक और आर्थिक दबाव में आकर उन्हें निशाना बना रही हैं।
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2,929 करोड़ रुपये का यह बैंक फ्रॉड मामला भारतीय बैंकिंग सेक्टर के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। देश में बढ़ती बैंक धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और जांच एजेंसियां कड़ी कार्रवाई कर रही हैं। इस केस का भी गहराई से पता लगाया जा रहा है ताकि दोषियों को सजा दिलाई जा सके।
अनिल अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस के खिलाफ बैंक फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच तेज हो गई है। यह मामला भारतीय आर्थिक और कानूनी जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना यह है कि जांच एजेंसियां इस बड़े मामले को किस दिशा में आगे बढ़ाती हैं और इसके परिणाम क्या निकलते हैं।