

रिलायंस पावर ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह मामला बैंक गारंटी से जुड़ा है और कंपनी खुद एक साजिश का शिकार हुई है। कंपनी ने इस संबंध में पहले ही दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
अनिल अंबानी
New Delhi: रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस पावर और उसकी सहायक कंपनियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जाँच में एक नया मोड़ आया है। कंपनी ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि ईडी जिस बैंक ऋण और धन के दुरुपयोग मामले की जाँच कर रहा है, वह दरअसल बैंक गारंटी से जुड़ा है।
कंपनी के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि, "रिलायंस पावर और उसकी सहायक कंपनियों ने पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम किया है। हम एक सुनियोजित धोखाधड़ी, जालसाजी और षडयंत्र का शिकार हुए हैं।"
पुलिस में शिकायत दर्ज
कंपनी ने बताया कि इस मामले को लेकर 16 अक्टूबर 2024 को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई गई है। साथ ही, कंपनी ने यह भी दावा किया कि 7 नवंबर 2024 को उन्होंने स्टॉक एक्सचेंजों को भी इस पूरी घटना की जानकारी दे दी थी।
प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी कानूनी प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन कर रही है और जाँच एजेंसियों को सभी आवश्यक दस्तावेज़ और जानकारी उपलब्ध करा रही है।
अनिल अंबानी से पहले भी हो चुकी है पूछताछ
इससे पहले मंगलवार को, रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी से प्रवर्तन निदेशालय ने लगभग 10 घंटे तक पूछताछ की थी। यह पूछताछ दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में हुई, जहाँ बिना किसी वकील की मौजूदगी के उनसे कई सवाल पूछे गए। पूछताछ के दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की गई।
ईडी ने अनिल अंबानी से फर्जी कंपनियों में धन हस्तांतरित करने, राजनीतिक फंडिंग और रिश्वत देने जैसे आरोपों पर पूछताछ की थी। हालाँकि, अनिल अंबानी ने सभी सवालों के जवाब देने के लिए समय माँगा और दस्तावेजों के सत्यापन के बाद सहयोग का आश्वासन दिया।
लुकआउट सर्कुलर (LOC) भी जारी
ईडी ने अनिल अंबानी के खिलाफ एक लुकआउट नोटिस भी जारी किया है ताकि वह जाँच के दौरान देश से बाहर न जा सकें। यह नोटिस यस बैंक से जुड़े कथित ₹3,000 करोड़ के ऋण धोखाधड़ी मामले से संबंधित है।