93 दिन, हजारों किलोमीटर और एक सपना, जानिए कैसा रहा सीपी राधाकृष्णन का राजनीति सफर

सीपी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तिरुप्पुर, तमिलनाडु में हुआ। माता-पिता ने उन्हें डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तरह महान बनने की उम्मीद में उनका नाम रखा। उनका जीवन और करियर इस उम्मीद को साकार करता है, और वे अब भारत के उपराष्ट्रपति के पद पर हैं।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 10 September 2025, 11:00 AM IST
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New Delhi: चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन, यानी सीपी राधाकृष्णन, का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में सीके पोन्नुसामी और जानकी अम्माल के घर हुआ। उनके नाम के पीछे माता-पिता की यह उम्मीद थी कि उनका बेटा देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तरह महान बने। राधाकृष्णन ने यह उम्मीद साकार कर दिखाया। वे ओबीसी समुदाय कोंगु वेल्लार से आते हैं। उनकी शादी सुमति से हुई है और उनके एक बेटा व एक बेटी हैं।

शिक्षा और खेलों में रुचि

राधाकृष्णन ने उच्च शिक्षा में गहरी रुचि दिखाई। उन्होंने 1978 में तूतीकोरिन के वीओसी कॉलेज (मदुरै यूनिवर्सिटी) से बीबीए की डिग्री हासिल की। इसके बाद राजनीति विज्ञान में उच्च शिक्षा प्राप्त की और सामंतवाद का पतन विषय पर पीएचडी की। वे कॉलेज में टेबल टेनिस चैंपियन रहे और लंबी दूरी की दौड़ में भी हिस्सा लिया। इसके अलावा, क्रिकेट और वॉलीबॉल उनके पसंदीदा खेल रहे।

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संघ और राजनीतिक यात्रा की शुरुआत

राधाकृष्णन ने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवक के रूप में की। 1974 में उन्हें भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति में शामिल किया गया। 1996 में उन्हें तमिलनाडु भाजपा का सचिव नियुक्त किया गया। इसके बाद वह कोयंबटूर से 1998 और 1999 में दो बार लोकसभा सदस्य चुने गए।

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भाजपा में संगठन और नेतृत्व

राधाकृष्णन ने भाजपा में संगठन और प्रशासन दोनों में मजबूत पकड़ बनाई। 2004 से 2007 तक वह तमिलनाडु प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे। इस दौरान 2007 में उन्होंने 93 दिनों में 19,000 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा की, जिसका उद्देश्य देश की नदियों को जोड़ना, आतंकवाद का उन्मूलन, समान नागरिक संहिता लागू करना, अस्पृश्यता निवारण और मादक पदार्थों के खतरों से निपटना था।
2020 से 2022 तक वह केरल भाजपा के प्रभारी भी रहे। समर्थक उन्हें “तमिलनाडु का मोदी” कहते हैं।

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राज्यपाल के रूप में सेवाएं

राधाकृष्णन एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार चुने जाने से पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल थे। जुलाई 2022 में उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में पद संभाला। इससे पहले, फरवरी 2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। झारखंड के दौरान उन्होंने तेलंगाना और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी निभाया।

अंतरराष्ट्रीय और संसदीय अनुभव

2004 में संसदीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में राधाकृष्णन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। वह ताइवान जाने वाले पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी रहे। 2016 में उन्हें कोच्चि स्थित कोयर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, जहां उन्होंने चार साल तक भारत से नारियल रेशे के निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की।

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उपराष्ट्रपति पद और भविष्य

सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर संघ से लेकर भाजपा के संगठन, राज्यपाल पद और अब उपराष्ट्रपति तक रहा। उनकी विनम्र और सुलभ छवि उन्हें लोगों के बीच लोकप्रिय बनाती है। संगठन और प्रशासन में उनकी मजबूत पकड़ और नेतृत्व क्षमता उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए योग्य बनाती है।

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