

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 75 वर्षीय दूल्हे दादू राम गंधर्व और 45 वर्षीय दुल्हन आरती त्रिवेदी ने करवा चौथ से एक दिन पहले प्रेम विवाह किया। दोनों ने मोहल्ले के सामने विधि विधान से सात फेरे लेकर एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का वचन दिया।
आरती त्रिवेदी और दादू राम गंधर्व
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सरकंडा क्षेत्र के चिंगराजपारा अटल आवास इलाके में एक अनोखी प्रेम कहानी ने जन्म लिया है, जो उम्र की बाधाओं को तोड़ते हुए लोगों के दिलों को छू रही है। 75 वर्षीय दादू राम गंधर्व और 45 वर्षीय आरती त्रिवेदी ने करवा चौथ से एक दिन पहले विधि विधान से शादी की। यह शादी न केवल मोहल्ले में चर्चा का विषय बनी बल्कि लोगों को यह संदेश भी दिया कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती।
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दादू राम गंधर्व मजदूरी का काम करते हैं और मोहल्ले के ही रहने वाले हैं। उनकी पहली पत्नी का कई साल पहले निधन हो चुका है। दूसरी ओर आरती त्रिवेदी की पहली शादी 1993 में हुई थी, लेकिन पति के शराब पीने और मारपीट करने के कारण उन्होंने 10 साल पहले वह रिश्ता समाप्त कर दिया था। आरती अपने दो बच्चों के साथ अकेली जिंदगी गुजार रही थीं। उनकी बेटी की शादी हो चुकी है जबकि बेटा अपने पिता के साथ रहता है।
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धीरे-धीरे प्रेम में बदल गई दोस्ती
बीते एक-दो सालों में दादू राम और आरती की दोस्ती हुई, जो धीरे-धीरे प्रेम में बदल गई। दोनों ने अपनी बची हुई जिंदगी साथ बिताने का फैसला किया। इसके बाद गुरुवार की रात पूरे उत्साह और धूमधाम के साथ शादी की गई। मोहल्ले के लोग भी इस शादी में शामिल हुए, बाजे-गाजे और नाच-गाने के बीच दोनों ने सात फेरे लेकर एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने की कसमें खाई।
शादी के अगले दिन रखा करवा चौथ का व्रत
शादी की अगली सुबह नई नवेली दुल्हन आरती ने अपने बुजुर्ग दूल्हे के लिए करवा चौथ का व्रत रखा। इस व्रत ने शादी को और भी खास बना दिया और मोहल्ले में सभी ने इस प्रेम कथा की खूब सराहना की। यह विवाह साबित करता है कि प्यार की कोई सीमा या उम्र नहीं होती, बल्कि यह दिल से जुड़ा होता है।
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उम्र महज एक संख्या है
आरती ने बताया कि उनकी पहली शादी उनके लिए बेहद कठिन दौर था, लेकिन अब उन्हें जिंदगी में एक नया साथी मिल गया है, जिससे वह बहुत खुश हैं। दादू राम भी कहते हैं कि उम्र महज एक संख्या है और प्यार वह एहसास है जो दो दिलों को जोड़ता है।