

मुगलसराय के बिलारीडीह स्थित प्राचीन बाबा नागेश्वर नाथ मंदिर में सावन के पहले सोमवार को भक्ति का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला।
शिव मंदिर में 600 से अधिक भक्तों ने की पूजा
Chandauli: सावन के पहले सोमवार को जिले के बिलारीडीह गांव स्थित 180 वर्ष पुराने बाबा नागेश्वर नाथ मंदिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। भक्ति और श्रद्धा के इस अद्भुत संगम में सुबह से ही श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए उमड़ने लगे। मंदिर प्रांगण ‘बोल बम’ और ‘हर हर महादेव’ के जयघोष से गूंज उठा। विशेष श्रृंगार और शिव जागरण के आयोजन ने भक्तों की आस्था में चार चांद लगा दिए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मंदिर के पुजारी शंकर दास ने बताया कि सावन के पहले सोमवार को मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। इस बार लगभग 600 से अधिक श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन-पूजन कर बाबा नागेश्वर नाथ का आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया था और रात्रि में शिव जागरण का आयोजन हुआ, जिसमें स्थानीय भजन मंडलियों ने महादेव की स्तुति में एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी।
इस मंदिर के इतिहास में एक रहस्यमयी और आस्था से जुड़ी कथा भी जुड़ी हुई है। पुजारी के अनुसार, करीब डेढ़ सौ साल पहले गांव में जमुना बाई नामक महिला रहा करती थीं। एक दिन जब गांव की महिलाएं खेतों में घास काट रही थीं, तभी एक महिला की खुरपी से ज़मीन में दबे शिवलिंग को ठेस लग गई, जिससे वहां से रक्त निकलने लगा। इस चमत्कारी घटना के बाद क्षेत्रवासियों की आस्था और गहरी हो गई।
बाबा नागेश्वर नाथ
इसके बाद जब मंदिर का निर्माण शुरू हुआ, तो एक और रहस्यमयी घटना घटने लगी। दिन में बनता मंदिर रात में खुद-ब-खुद बिखर जाता। जमुना बाई ने तब त्रिशूल उठाकर महादेव से मंदिर निर्माण में बाधा का कारण पूछा और विशेष पूजा-अर्चना की। मान्यता है कि महादेव ने उन्हें दर्शन दिए और मंदिर का निर्माण बिना किसी विघ्न के पूर्ण हुआ।
आज यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी केंद्र बन चुका है। मंदिर में विवाह संस्कार भी संपन्न होते हैं। दूर-दूर से श्रद्धालु यहां अपनी मन्नतें लेकर आते हैं और पूर्ण होने पर चढ़ावा चढ़ाते हैं।
श्रद्धालु राम जन्म ने बताया, बाबा नागेश्वर नाथ की कृपा से मेरी कई मन्नतें पूरी हुई हैं। हर सावन में यहां आकर पूजा करना अब परंपरा बन गई है।" वहीं पुजारी शंकर दास ने कहा, यह मंदिर सिर्फ आस्था नहीं, बल्कि विश्वास की जीवंत तस्वीर है। यहां आने वाले भक्तों की श्रद्धा ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है।
सावन का यह पहला सोमवार बाबा के जयकारों और श्रद्धालुओं की भक्ति से सराबोर रहा। मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए समुचित व्यवस्था की थी, जिसमें जल व्यवस्था, सफाई और सुरक्षा प्रमुख थीं।
अब आने वाले चार सोमवारों पर श्रद्धालुओं की संख्या और भक्ति का रंग और चढ़ने की उम्मीद है। सावन में बाबा नागेश्वर नाथ मंदिर एक बार फिर क्षेत्र की धार्मिक ऊर्जा का केंद्र बन चुका है। पूजा के लिए आए एक श्रद्धालु राम जन्म ने कहा कि, बाबा की कृपा से मेरी मन्नतें पूरी हुईं, हर साल सावन में दर्शन करने आता हूँ। वहीं पुजारी शंकर दास ने कहा कि, यह मंदिर सिर्फ पूजा का स्थान नहीं, लोगों की आस्था और विश्वास का केंद्र है।