

महाराष्ट्र में लगातार बारिश और बाढ़ ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। जिसमें अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। नांदेड़ में बादल फटने से बाढ़ आई, जिसमें 8 लोग मारे गए। मुंबई में भी रिकॉर्ड 300 मिमी बारिश दर्ज की गई है। कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं और यातायात प्रभावित हुआ है।
महाराष्ट्र में बारिश बनी तबाही
Maharashtra: महाराष्ट्र में बीते कुछ दिनों से हो रही मूसलधार बारिश ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में तबाही मचाई है। बाढ़ और बारिश के कारण अब तक 14 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि सैकड़ों लोगों को बचाया गया है। नांदेड़ जिले में बादल फटने के कारण आई बाढ़ में आठ लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यवासियों से अगले 48 घंटे तक सतर्क रहने की अपील की है। बारिश और जलभराव के कारण राज्य के कई इलाकों में यातायात और रेल सेवाएं प्रभावित हुई हैं, जिसमें कई लंबी दूरी की ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं।
नांदेड़ में बाढ़, आठ की मौत, मुंबई में रिकॉर्ड बारिश
नांदेड़ जिले में बादल फटने से आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। इस हादसे में आठ लोगों की जान चली गई, जबकि कई लोग लापता हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के कारण 12 से 14 लाख एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। साथ ही, मुंबई में भी मूसलधार बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ा, जहां करीब 300 मिमी बारिश दर्ज की गई। मुंबई की लोकल ट्रेनों में भी देरी हो रही है, जिससे शहर के यातायात प्रभावित हुआ है। मीठी नदी का जलस्तर बढ़ने से 400 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया।
मानसूनी हवाओं ने बढ़ाई बारिश की तीव्रता
मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र और मानसूनी हवाओं के कारण बारिश की तीव्रता में वृद्धि हुई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कोंकण, मध्य महाराष्ट्र और घाटों में अत्यधिक बारिश की चेतावनी दी है, जबकि राज्य के बाकी हिस्सों में मध्यम वर्षा का अनुमान है। पुणे के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एसडी सनप ने बताया कि इस प्रणाली के सक्रिय होने से कोंकण से लेकर केरल तक भारी बारिश हो रही है। विभाग ने आगामी दो दिनों में मुंबई सहित कोंकण और मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई है।
10 लाख हेक्टेयर भूमि जलमग्न
डिप्टी सीएम अजित पवार ने बताया कि राज्य में लगातार बारिश के कारण लगभग 10 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। उन्होंने कहा कि बारिश थमने के बाद फसलों के नुकसान का आकलन किया जाएगा। साथ ही, अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण कई सड़कों और जलाशयों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है।
विभिन्न क्षेत्रों में जलभराव और यातायात में रुकावट
गढ़चिरौली जिले में भी भारी बारिश से निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं और कई संपर्क मार्गों पर पानी भर गया है। पर्लकोटा नदी के उफान पर आने से 50 से अधिक गांव संपर्क से कट गए हैं। इसके अलावा, कोल्हापुर-रत्नागिरी राजमार्ग को भूस्खलन के कारण कई घंटों के लिए बंद कर दिया गया। महाड और नागोथाने जैसे क्षेत्रों में भी सड़क संपर्क बाधित हो गया है।
14 लंबी दूरी की ट्रेनें रद्द, 16 का समय बदला
महाराष्ट्र में बारिश और जलभराव के कारण मध्य रेलवे ने 14 लंबी दूरी की ट्रेनें रद्द कर दी हैं। इसके अलावा, 16 ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया है, जबकि कुछ ट्रेनें शॉर्ट ओरिजिनेट की गई हैं। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि इस दौरान 6 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है, जबकि 2 ट्रेनों को परिवर्तित मार्गों से चलाया गया है।
नदियां उफान पर, जलस्तर में बढ़ोतरी
महाराष्ट्र के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित कोल्हापुर जिले में राधानगरी बांध से भारी जल प्रवाह के कारण भोगवती नदी का जलस्तर बढ़ गया है। पंचगंगा नदी भी इस मौसम में पांचवीं बार खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। चंदोली बांध से पानी छोड़े जाने के बाद वार्ना नदी में जलस्तर बढ़ने से कोल्हापुर के निचले इलाकों के गांवों को सतर्क किया गया है। कोंकण के रोहा तालुका में 160 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई और कुंडलिका और सावित्री नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
प्रशासन की अपील, बचाव कार्य जारी
राज्य प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे जब तक जरूरी न हो, घरों के अंदर ही रहें। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना की बचाव टीमें प्रभावित क्षेत्रों में तैनात की गई हैं। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि बारिश के कारण कोंकण और विदर्भ की नदियों का जलस्तर और बढ़ सकता है। इसके अलावा, प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी जान जोखिम में न डालें और नदी किनारे से दूर रहें।
नांदेड़ में सात लोग बाढ़ में बह गए
नांदेड़ जिले में मंगलवार को बाढ़ के कारण सात लोग बह गए। इनमें से तीन लोगों को बचा लिया गया, जबकि बाकी की तलाश जारी है। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 293 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। एसडीआरएफ और सेना की टीमों ने लगातार तीन दिनों से बचाव अभियान जारी रखा है, और भारतीय सेना ने प्रभावित लोगों के इलाज के लिए चिकित्सा शिविर भी स्थापित किया है।