

मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस (LTT) पर खड़ी कुशीनगर एक्सप्रेस के एसी कोच के बाथरूम में 7-8 साल की बच्ची का शव मिलने से सनसनी फैल गई। शव कूड़ेदान में छिपाया गया था। पुलिस को अपहरण और हत्या की आशंका है। शुरुआती जांच में बच्ची के रिश्तेदार की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
ट्रेन में मिला मासूम का शव
Mumbai: मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस (LTT) से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। शुक्रवार देर रात जब प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर खड़ी कुशीनगर एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 22537) की सफाई की जा रही थी, तब ट्रेन के AC कोच B2 के बाथरूम में रखे कूड़ेदान में 7-8 साल की एक बच्ची का शव मिला।
घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे और पुलिस अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया। ट्रेन की सफाई कर रहे कर्मचारियों में से एक ने सबसे पहले शव को देखा और तुरंत इसकी जानकारी स्टेशन प्रबंधक को दी। इसके बाद रात 1:50 बजे मौके पर रेलवे और पुलिस की टीमें पहुंचीं।
ट्रेन प्लेटफॉर्म पर 1:05 बजे पहुंची थी और इसके बाद यह ट्रेन काशी एक्सप्रेस बनकर रवाना होनी थी। इसी दौरान सफाई के लिए कर्मचारी ट्रेन के कोच की जांच कर रहे थे। जब एक कर्मचारी ने बाथरूम में कूड़ेदान के अंदर कुछ संदिग्ध देखा तो वह चौंक गया। पास जाकर देखने पर यह साफ हुआ कि वहां एक बच्ची का शव पड़ा है। घटना की खबर फैलते ही यात्रियों में दहशत फैल गई। ट्रेन जैसे सार्वजनिक स्थान पर ऐसी वारदात ने सभी को स्तब्ध कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
रेलवे और स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। कोच में सफर कर चुके यात्रियों और रेलवे स्टाफ के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। ट्रेन की CCTV फुटेज, टिकट बुकिंग डेटा और यात्रियों की लिस्ट खंगाली जा रही है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में कोई भी एंगल नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। क्राइम ब्रांच की विशेष टीम भी मामले की तह तक जाने में जुटी हुई है।
पुलिस को शक है कि यह केवल हत्या नहीं बल्कि पहले बच्ची का अपहरण किया गया और फिर उसकी हत्या कर शव को ट्रेन में छिपाया गया। फिलहाल, इस थ्योरी को आधार बनाकर जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह जानने की कोशिश की जा रही है कि हत्या कब और कैसे की गई। रिपोर्ट से यह भी तय होगा कि बच्ची की मौत ट्रेन में हुई या पहले ही उसे मारकर शव यहां लाया गया।
इस घटना में एक चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब प्रारंभिक जांच में पता चला कि बच्ची का अपहरण किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा नहीं, बल्कि उसके रिश्तेदार द्वारा किया गया हो सकता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, बच्ची के मौसेरे भाई पर शक जताया जा रहा है। फिलहाल, उससे जुड़े लोगों से पूछताछ जारी है। कुछ तकनीकी सबूत भी जुटाए गए हैं, जिनसे जांच को आगे बढ़ाने में मदद मिल रही है।
घटनास्थल पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए कई जांच टीमें बनाई गई हैं। ये टीमें तकनीकी और फॉरेंसिक साक्ष्यों की गहराई से जांच कर रही हैं। साथ ही, आसपास के रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है।