

इंदौर के रानीपुरा इलाके में बड़ा हादसा हुआ, जब एक तीन मंजिला इमारत भरभरा कर गिर गई। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई जबकि 12 अन्य घायल हैं, जिनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है।
इंदौर में गिरी तीन मंजिला इमारत
Indore: मध्यप्रदेश के इंदौर शहर के रानीपुरा क्षेत्र में सोमवार रात करीब 9:15 बजे दर्दनाक हादसा हो गया, जहां एक तीन मंजिला पुरानी इमारत अचानक ढह गई। इस हादसे में एक 20 वर्षीय युवती अल्फिया और एक अन्य युवक फहीम की मौत हो गई, जबकि 12 लोग घायल हुए हैं। घायलों में तीन महीने की बच्ची यासीरा भी शामिल है। चार घायलों की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।
यह हादसा इतना भयावह था कि पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। चीख-पुकार के बीच लोग मलबे से अपने परिजनों को बचाने की कोशिश करते दिखे। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचित किया, जिसके बाद मौके पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया।
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जानकारी के अनुसार, हादसे वाली बिल्डिंग में चार परिवार रहते थे। इन चार परिवारों के कुल 14 लोग उस वक्त इमारत में मौजूद थे। बाकी 9 लोग अपने किसी रिश्तेदार के घर गए हुए थे, जिससे वे इस हादसे से बच गए। बिल्डिंग की उम्र करीब 15 साल बताई जा रही है और यह मकान सम्मू बाबा नामक व्यक्ति का है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इमारत की नींव में काफी समय से पानी भरता था और हाल ही में बारिश के कारण दीवारों में दरारें भी दिखने लगी थीं।
घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर शिवम वर्मा, पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह, नगर निगम के अधिकारी और इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव मौके पर पहुंचे। विधायक गोलू शुक्ला सहित कई जनप्रतिनिधि भी घटनास्थल पर मौजूद रहे। रेस्क्यू कार्य के लिए फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ और नगर निगम की टीमों को लगाया गया। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई और वायर कटिंग के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज किया गया।
इस हादसे में 12 लोग घायल हुए हैं। जिनमें, अल्ताफ (28), रफीउद्दीन (60), यासीरा (3 महीने), नबी अहमद (7), सबीस्ता अंसारी (28), सैबुद्दीन (62), सलमा बी (45), आलिया अंसारी (23), शाहिदा अंसारी (55), अमीनुद्दीन (40), आफरीन (32) और एक अन्य व्यक्ति शामिल है। सभी घायलों को तत्काल एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों की एक टीम उनकी देखभाल में लगी हुई है।
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मृतकों के परिजनों और स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इमारत में दरारें और नींव में पानी भरने की शिकायतें पहले से की जा रही थीं, लेकिन किसी ने कोई संज्ञान नहीं लिया। अगर समय रहते कार्रवाई की जाती, तो यह हादसा टाला जा सकता था।
कलेक्टर शिवम वर्मा ने कहा कि हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं और प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम को भी इंदौर में अन्य जर्जर इमारतों की सूची तैयार करने और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।