

सावन का महीना आध्यात्म, भक्ति और संयम का प्रतीक है। इस पवित्र माह में लोग उपवास रखते हैं, शिव भक्ति करते हैं और संयमित जीवन जीने का प्रयास करते हैं। सावन में मांसाहार न करने के पीछे न सिर्फ धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक तर्क भी छिपे हैं। जानिए क्यों सावन में नॉनवेज खाने से परहेज करना चाहिए।
सावन में नॉनवेज वर्जित क्यों
New Delhi: श्रावण मास यानी सावन का महीना शुरू हो चुका है। जैसा कि आप जानते हैं कि यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और पूरे देश में श्रद्धालु इस दौरान व्रत, उपवास और पूजा-अर्चना करते हैं। वहीं हिंदू धर्म में यह माह काफी पवित्र होता है और इसका काफी महत्व भी है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सावन में शिव भक्तों को खानपान में विशेष संयम रखने की सलाह दी जाती है। खासतौर पर मांसाहार यानी नॉनवेज। इस माह के दौरान नॉनवेज के सेवन से पूरी तरह बचने की परंपरा रही है। पर सवाल यह उठता है कि सावन में नॉनवेज क्यों नहीं खाना चाहिए?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसका उत्तर धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोणों से जुड़ा हुआ है। जो आपको जरूर जानना चाहिए। आइए फिर बिना समय बर्बाद किए इसका जवाब जानते हैं।
सावन में नॉनवेज क्यों नहीं खाना चाहिए?
धार्मिक दृष्टिकोणः सावन को बहुत ही पवित्र और शुभ महीना माना जाता है। मान्यता है कि इस समय भगवान शिव स्वयं पृथ्वी पर वास करते हैं और अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं। इस पवित्र माह में तन, मन और आहार की शुद्धता बेहद आवश्यक मानी जाती है। नॉनवेज को तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है, जो शरीर में क्रोध, अहंकार, आलस्य और नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
ऐसे में नॉनवेज का सेवन व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर भी असर डालता है और पूजा-पाठ में मन नहीं लगने देता। शिवभक्ति में मन को स्थिर और शांत रखने की आवश्यकता होती है, जो तामसिक भोजन से संभव नहीं हो पाता। इसके अलावा, बारिश के मौसम में भूमि और जल में रहने वाले जीव-जंतु सक्रिय हो जाते हैं और कई बार अनजाने में उनकी हत्या मांसाहार के माध्यम से हो सकती है, जो धार्मिक दृष्टि से पाप माना गया है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोणः सावन जुलाई-अगस्त में आता है, जब वर्षा अपने चरम पर होती है। इस दौरान नमी और तापमान के कारण खाने-पीने की चीजें जल्दी खराब होने लगती हैं। खासकर नॉनवेज में बैक्टीरिया और फंगस तेजी से पनपते हैं, जिससे फूड पॉइजनिंग या अन्य संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
इसके अलावा, इस मौसम में मनुष्य की पाचन शक्ति सामान्य से कमजोर हो जाती है और नॉनवेज जैसे गरिष्ठ भोजन को पचाना मुश्किल होता है। मेडिकल विशेषज्ञ भी इस दौरान हल्का, सादा और पौष्टिक भोजन करने की सलाह देते हैं ताकि शरीर स्वस्थ और रोगमुक्त बना रहे।
डिस्क्लेमर:
यह लेख धार्मिक मान्यताओं, पारंपरिक विश्वासों और सामान्य वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी उपाय या मान्यता को अपनाने से पहले अपनी व्यक्तिगत स्थिति और विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।