Health Tips: कम उम्र में भी बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा, जानिए कैसे खुद करें दिल की सेहत का आकलन

WHO के अनुसार, हृदय रोग दुनियाभर में मौत का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है और पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक के मामलों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी युवाओं में देखी गई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 4 June 2025, 3:55 PM IST
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नई दिल्ली: एक समय था जब दिल की बीमारियों को बढ़ती उम्र के साथ होने वाली स्वास्थ्य समस्या माना जाता था, लेकिन अब यह धारणा तेजी से बदल रही है। आजकल 20 से 40 साल के युवाओं में भी हार्ट अटैक जैसे गंभीर मामलों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। जिम में वर्कआउट करते, क्रिकेट खेलते या किसी पार्टी में डांस करते युवाओं की अचानक मौत की घटनाएं बताती हैं कि दिल की बीमारी अब किसी उम्र सीमा की मोहताज नहीं रही।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि गलत जीवनशैली, अत्यधिक तनाव, असंतुलित आहार, धूम्रपान, मोटापा, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों के कारण युवाओं में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हृदय रोग दुनियाभर में मौत का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है और पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक के मामलों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी युवाओं में देखी गई है।

क्यों होता है हार्ट अटैक?

हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय को ऑक्सीजन और पोषण पहुंचाने वाली धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं। इससे हृदय की मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे हृदय का काम करना बंद हो सकता है। समय पर इलाज न होने पर यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।

कैसे पता करें कि आपका दिल स्वस्थ है या नहीं?

हालाँकि, दिल की सेहत जानने के लिए मेडिकल चेकअप सबसे विश्वसनीय तरीका है, लेकिन कुछ आसान घरेलू टेस्ट भी हैं, जिनसे आप अपने दिल की सेहत का अंदाज़ा लगा सकते हैं।

नाड़ी की गति जाँचें

अपनी बाईं कलाई के अंदर की उंगलियों से नाड़ी को महसूस करें। 10 सेकंड तक धड़कनों को गिनें और उसे 6 से गुणा करें। सामान्य हृदय गति 60 से 100 धड़कन प्रति मिनट होती है। अगर यह दर नियमित रूप से 110 से ज़्यादा है, तो यह ख़तरे का संकेत हो सकता है।

सीढ़ी चढ़ने का टेस्ट

अगर आप बिना रुके 1 मिनट में लगभग 60 सीढ़ियाँ चढ़ सकते हैं और आपकी साँस फूलती नहीं है, तो यह आपके दिल की सेहत के लिए अच्छा संकेत है। वहीं, अगर कुछ सीढ़ियाँ चढ़ने के बाद ही थकान या सांस लेने में तकलीफ़ होने लगे, तो यह दिल की कमज़ोरी का संकेत हो सकता है।

हाथों की पकड़ की मज़बूती

हाथों की पकड़ की मज़बूती भी दिल की सेहत से जुड़ी होती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, कमज़ोर पकड़ दिल की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी का संकेत हो सकती है। आप घर पर किसी डिब्बे का ढक्कन खोलने जैसी गतिविधि करके अपनी पकड़ की ताकत का आकलन कर सकते हैं।

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