

मूली एक साधारण सी सब्ज़ी है जो भारतीय रसोई में आमतौर पर इस्तेमाल होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके नियमित सेवन से कई गंभीर बीमारियों का इलाज संभव है? यह लेख आपको बताएगा मूली के वे पांच चमत्कारी फायदे जो आपकी सेहत को भीतर से सुधार सकते हैं।
मूली के सेवन से जड़ से खत्म होती हैं ये बीमारियां (IMG- Internet)
New Delhi: भारत में मूली को अक्सर सर्दियों की सब्जी माना जाता है, लेकिन इसकी अहमियत केवल मौसम तक सीमित नहीं है। आयुर्वेद में मूली को औषधीय गुणों से भरपूर बताया गया है। बता दें कि इसमें मौजूद फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन C और अन्य पोषक तत्व शरीर की कई बीमारियों से रक्षा करने में सहायक होते हैं। आइए फिर ऐसे में जानते हैं कि कैसे रसोई की ये एक आम सब्जी शरीर की ढाल बनती है।
1. पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है
मूली फाइबर का अच्छा स्रोत है जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। यह कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। इसका नियमित सेवन आँतों की सफाई करता है और शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकालता है।
2. डायबिटीज़ को नियंत्रित करता है
मूली का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जिससे यह रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) को नियंत्रित करने में मददगार है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य यौगिक इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाते हैं, जिससे डायबिटीज के रोगियों को लाभ होता है।
3. किडनी स्टोन में लाभकारी
मूली का रस किडनी की सफाई में मदद करता है और पथरी (स्टोन) को तोड़ने में सहायक माना जाता है। इसका मूत्रवर्धक गुण शरीर से अतिरिक्त यूरिक एसिड को बाहर निकालता है, जिससे किडनी को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है।
4. हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है
मूली में पोटैशियम प्रचुर मात्रा में होता है, जो शरीर में सोडियम का संतुलन बनाए रखता है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। नियमित रूप से मूली का सेवन हृदय रोगों के खतरे को कम करता है।
5. त्वचा रोगों में राहत
मूली में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो त्वचा से जुड़ी समस्याओं जैसे मुहांसे, रैशेज़ और खुजली में राहत देते हैं। मूली का रस त्वचा पर लगाने से भी लाभ मिलता है।
कैसे करें सेवन?
मूली को आप सलाद के रूप में, पराठे में भरकर, या इसका जूस बनाकर ले सकते हैं। खाली पेट मूली का सेवन करने से इसका प्रभाव अधिक होता है। हालांकि अधिक मात्रा में सेवन से गैस या पेट फूलने की समस्या हो सकती है, इसलिए संतुलित मात्रा में ही उपयोग करें।