

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को शांति समझौता मानने के लिए अंतिम डेडलाइन दी है। रविवार, 5 अक्टूबर 2025, शाम 6 बजे तक। ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अगर हमास प्रस्ताव को नहीं माना तो “दुनिया ने न देखा हो ऐसा” कार्रवाई की जाएगी और सभी बंधकों की रिहाई की मांग की।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
New Delhi: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर एक विस्तृत पोस्ट में कहा कि मध्य-पूर्व में हमास कई सालों से खतरा रहा है और 7 अक्टूबर को इजरायल में हुए हमले के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जा रहा है। ट्रंप ने दावा किया कि इस जवाबी कार्रवाई में लगभग 25,000 हमास सैनिक मारे जा चुके हैं और बाकी लड़ाकों को घेर लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हमास के पास शांति प्रस्ताव स्वीकार करने के लिये रविवार (5 अक्टूबर 2025) शाम 6 बजे तक का अंतिम समय है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने विशेष रूप से गाजा के निर्दोष नागरिकों से अपील की है कि वे संभावित सैन्य कार्रवाई से पहले खतरनाक क्षेत्रों को छोड़ कर सुरक्षित स्थानों में चले जाएं। ट्रंप के मुताबिक, सुरक्षित क्षेत्रों में उन्हें आवश्यक देखभाल और सहायता प्रदान की जाएगी। यह अपील मानविक दृष्टि से संभावित मानवीय संकट को कम करने का उद्देश्य रखती दिखती है, हालांकि शांति समझौते की शर्तें और सुरक्षा की गारंटी किस प्रकार दी जाएगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
ट्रंप ने कहा कि “मध्य-पूर्व और उसके आसपास के देश अमेरिका के साथ क्षेत्र में शांति कायम करने पर सहमत हुए हैं, जिस पर इजरायल ने भी हस्ताक्षर किए हैं।” उनके अनुसार यह प्रस्ताव हमास के बचे हुए लड़ाकों की जान बचाने का भी मार्ग है और इससे क्षेत्र में हिंसा रुक सकती है।
ट्रंप ने साफ कहा कि सभी बंधकों को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। जिनमें मृतक व्यक्तियों के शव भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि रविवार शाम तक अगर यह शर्त पूरी नहीं होती तो “कठोर कार्रवाई” बरती जाएगी। बंधकों की स्थिति और उनकी संख्या के बारे में कोई विस्तृत जानकारी ट्रंप के पोस्ट में नहीं दी गई है। यह भी स्पष्ट नहीं कि रिहाई किस पद्धति से सुनिश्चित की जाएगी।
डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ बम: दवाओं से लेकर ट्रकों तक, बढ़े टैक्स से बढ़ेगी महंगाई और वैश्विक तनाव
यदि हमास प्रस्ताव स्वीकार कर लेता है, तो यह क्षेत्रीय तनाव को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। वहीं, अगर हमास ने डेडलाइन मानने से इंकार किया या कार्रवाई हुई तो इससे मानवीय संकट और दुष्परिणाम उत्पन्न होने की आशंका है। विशेषकर गाजा में रहते निर्दोष नागरिकों के लिये।