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आजकल एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर एक आम मुद्दा बनता जा रहा है। पुरुष और महिलाओं के अफेयर की वजहें अलग होती हैं, लेकिन दोनों के रिश्तों पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है। इस पर एक्सपर्ट्स का क्या कहना है जानिए यहां।
मर्द और औरत के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में अंतर (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
New Delhi: वर्तमान समय में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर या विवाहेतर संबंध एक सामान्य मुद्दा बनते जा रहे हैं, और लोग अक्सर रिश्तों के बाहर प्यार या संतुष्टि की तलाश में निकलते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पुरुषों और महिलाओं के अफेयर की वजहें अलग क्यों होती हैं? आइए जानते हैं कि इस रिश्ते में मर्द और औरत किस प्रकार की मानसिकता और कारणों से बाहर कदम रखते हैं, और इसका उनके रिश्ते पर क्या असर पड़ता है।
रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स का मानना है कि अधिकतर पुरुषों के लिए एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर एक तरह का फिजिकल अट्रैक्शन और नयापन (novelty) का जरिया होता है। जब शादीशुदा जिंदगी की दिनचर्या उबाऊ या मोनोटोनस हो जाती है, तो कई बार पुरुष रिश्ते के बाहर रोमांच और नई ऊर्जा की तलाश करते हैं।
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एक्सपर्ट्स कहते हैं कि पुरुषों के लिए अफेयर अक्सर एक ईगो बूस्ट और एक्साइटमेंट का स्रोत होता है, और कई बार वे इसे सीरियस रिलेशनशिप के रूप में नहीं देखते। यह मुख्य रूप से शारीरिक संतुष्टि या मानसिक ताजगी के लिए होता है। हालांकि, इसका असर पुरुष की शादीशुदा जिंदगी पर गहरे असर डाल सकता है और रिश्ते में दरार आ सकती है।
महिलाओं के लिए एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की वजहें कुछ अलग होती हैं। महिलाओं को अक्सर तब बाहर किसी और से जुड़ने की इच्छा होती है जब उन्हें लगता है कि उनका पार्टनर उनकी भावनाओं को सही तरीके से नहीं समझ रहा। शादीशुदा रिश्ते में कम्युनिकेशन की कमी या केयर की कमी के कारण महिलाएं बाहर इमोशनल अटेंशन और समझ की तलाश करती हैं।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
महिलाओं के लिए अफेयर सिर्फ शारीरिक आकर्षण से ज्यादा भावनात्मक जुड़ाव और सपोर्ट से संबंधित होता है। जब महिलाएं शादी में खुद को अकेला महसूस करती हैं या उन्हें उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है, तो वे किसी ऐसे इंसान की ओर खिंच जाती हैं जो उन्हें समझ सके और उनका महत्व समझे। इसलिए, महिलाओं के अफेयर ज्यादातर इमोशनल जुड़ाव पर आधारित होते हैं।
साइकोलॉजिस्ट का मानना है कि एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को सिर्फ चीटिंग कहकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसके पीछे कई पर्सनल और सोशल रीजन होते हैं जो इस समस्या को जन्म देते हैं। पुरुषों के लिए यह अधिकतर एक टेम्परेरी एक्साइटमेंट होता है, जबकि महिलाओं के लिए यह एक भावनात्मक जरूरत को पूरा करने का तरीका बन जाता है।
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दूसरी ओर, एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि ऐसे मामलों में सिर्फ दोषारोपण का कोई फायदा नहीं है। अगर किसी रिश्ते में समस्याएं हैं तो उन्हें कम्युनिकेशन और काउंसलिंग से सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए। कपल्स अगर अपनी परेशानियों को साझा करते हैं और एक-दूसरे की भावनाओं को समझने की कोशिश करते हैं तो रिश्ते में काफी सुधार हो सकता है।
चाहे अफेयर पुरुष करे या महिला, इसका सीधा असर उनके रिश्तों और परिवार पर पड़ता है। ट्रस्ट का टूटना सबसे बड़ा परिणाम होता है, जो कभी भी फिर से नहीं जुड़ पाता। बच्चों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, क्योंकि वे अपने माता-पिता के झगड़े और गलतफहमियों से प्रभावित होते हैं। इस तरह के अफेयर परिवार की सामाजिक स्थिति को भी नुकसान पहुंचाते हैं और पारिवारिक जीवन में दुख का कारण बन सकते हैं।
कुल मिलाकर, एक्सपर्ट्स का मानना है कि यदि किसी रिश्ते में समस्याएं हैं, तो उन्हें अफेयर के जरिए नहीं, बल्कि खुलकर संवाद और समझदारी से हल करना चाहिए। अफेयर कुछ समय के लिए खुशी दे सकता है, लेकिन उसका असर लंबे समय तक रह सकता है और यह रिश्ते को पूरी तरह तोड़ भी सकता है।