

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने छात्रों और स्कूलों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए देशभर में 6 नए क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय कार्यालयों की स्थापना की है। रायपुर, रांची, लखनऊ, गुरुग्राम, ईटानगर और गंगटोक में शुरू हुए इन नए दफ्तरों से अब शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्य अधिक सुगमता से होंगे।
प्रतीकात्मक तस्वीर (Img: Google)
New Delhi: देश के लाखों छात्रों और स्कूलों के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक बड़ी सौगात की घोषणा की है। CBSE ने शिक्षा व्यवस्था को अधिक सुगम और सशक्त बनाने के उद्देश्य से देशभर में 6 नए क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की घोषणा की है। इससे स्कूलों और छात्रों को अब अपने शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों के लिए बड़े शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
CBSE ने 22 अगस्त 2025 से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और झारखंड की राजधानी रांची में अपने नए क्षेत्रीय कार्यालय और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का कार्य आरंभ कर दिया है। इन कार्यालयों के शुरू होने से संबंधित राज्यों के सैकड़ों स्कूलों और हजारों छात्रों को दस्तावेजी कार्यों, प्रमाणपत्रों और परीक्षा संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए अब लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी।
हरियाणा के गुरुग्राम और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 1 सितंबर से नए CBSE क्षेत्रीय कार्यालयों की शुरुआत होगी। गुरुग्राम कार्यालय हरियाणा के 12 दक्षिणी जिलों जैसे फरीदाबाद, पलवल, रेवाड़ी, सोनीपत, झज्जर, चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ को कवर करेगा। अब तक पूरा हरियाणा पंचकूला स्थित क्षेत्रीय कार्यालय से संचालित होता था, जिससे छात्रों और स्कूलों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
वहीं लखनऊ कार्यालय उत्तर प्रदेश के 30 जिलों की जिम्मेदारी संभालेगा। इनमें लखनऊ, कानपुर नगर, कानपुर देहात, अयोध्या, रायबरेली, झांसी, शाहजहांपुर और उन्नाव जैसे जिले शामिल हैं। अब तक यह जिले प्रयागराज कार्यालय के अधीन आते थे, जो भौगोलिक दृष्टि से काफी दूर थे।
CBSE ने पूर्वोत्तर भारत की शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने के लिए ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश) और गंगटोक (सिक्किम) में उप-क्षेत्रीय कार्यालयों की स्थापना कर दी है, जो 22 अगस्त से कार्यरत हैं। इसके अलावा अगरतला (त्रिपुरा) में 15 सितंबर से नया क्षेत्रीय कार्यालय शुरू होगा।
CBSE के अनुसार, इन नए कार्यालयों से निम्नलिखित लाभ होंगे-
CBSE ने स्पष्ट किया है कि ये कदम न केवल शैक्षणिक सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है, बल्कि इसका उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावी, जवाबदेह और सुलभ बनाना है। बोर्ड के अनुसार, आने वाले समय में और भी क्षेत्रीय कार्यालयों की स्थापना की जा सकती है, ताकि देश के हर कोने में छात्रों को बराबरी की शैक्षणिक सुविधाएं मिल सकें।