हिंदी
जम्मू-कश्मीर पुलिस और प्रदेश जांच एजेंसी (SIA) ने श्रीनगर में 9 स्थानों पर छापेमारी की। सरला भट्ट, शेरे कश्मीर इंस्टीट्यूट में नर्स थीं, जिन्हें JKLF आतंकियों ने अगवा कर दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी। यह कार्रवाई JKLF के 9 पूर्व कमांडरों, जिनमें यासीन मलिक भी शामिल हैं, के घरों पर की गई। यह मामला दशकों तक ठंडे बस्ते में पड़ा रहा, लेकिन केंद्र सरकार की पहल पर दोबारा खोला गया। जांच के दायरे में अब एक बार फिर यासीन मलिक भी आ चुके हैं।
श्रीनगर में SIA की छापेमारी (Img: Google)
Srinagar: जम्मू-कश्मीर की घाटी में एक बार फिर 1990 के दर्दनाक दौर की यादें ताजा हो गईं हैं। प्रदेश जांच एजेंसी (SIA) और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार सुबह श्रीनगर में 9 अलग-अलग स्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। ये कार्रवाई 1990 में हुए कश्मीरी पंडित महिला सरला भट्ट के अपहरण और हत्या से जुड़े मामले में की गई है।
किस पर हुई छापेमारी?
जिन 9 लोगों के ठिकानों पर SIA ने छापेमारी की, उनमें सभी JKLF के पूर्व सदस्य बताए जा रहे हैं। इनमें प्रमुख नाम हैं-
कौन थीं सरला भट्ट?
गौरतलब है कि सरला भट्ट, मूल रूप से अनंतनाग जिले की रहने वाली थीं और शेरे कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, सौरा श्रीनगर में बतौर नर्स कार्यरत थीं। अप्रैल 1990 में आतंकवादी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के आतंकियों ने उन्हें उनके कार्यस्थल से अगवा किया। उन्हें कई दिनों तक बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म किया गया और अंत में बेरहमी से उनकी हत्या कर दी गई। उनका शव श्रीनगर के डाउनटाउन इलाके में सड़क किनारे फेंक दिया गया था। इस दर्दनाक घटना ने कश्मीर घाटी में रह रहे कश्मीरी पंडितों को दहशत में डाल दिया था। यह घटना उस सिलसिले का हिस्सा बनी, जिसने समुदाय के बड़े पैमाने पर पलायन को जन्म दिया।
यासीन मलिक पर फिर शिकंजा
JKLF के पूर्व प्रमुख यासीन मलिक पहले से ही कई आतंकी मामलों में उम्रकैद की सजा भुगत रहे हैं। 2017 में उनके खिलाफ दर्ज टेरर फंडिंग केस में NIA कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया था। अब सरला भट्ट केस की दोबारा जांच उनके लिए एक और कानूनी मुसीबत बन सकती है। इस मामले में उस समय के कई गवाहों और पुलिस डायरी में यह उल्लेख है कि सरला भट्ट के अपहरण और हत्या में यासीन मलिक और अन्य JKLF आतंकियों की संलिप्तता थी। हालांकि वर्षों तक यह केस निष्क्रिय पड़ा रहा, लेकिन हाल के वर्षों में केंद्र सरकार के निर्देश पर 90 के दशक के दर्जनों पुराने आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच फिर से शुरू की गई है।
क्यों है यह मामला अहम?
सरला भट्ट की हत्या न केवल एक जघन्य अपराध थी, बल्कि वह घटना उस व्यापक सांप्रदायिक और राजनीतिक संकट का प्रतीक बनी, जिसने कश्मीर घाटी में हजारों कश्मीरी पंडितों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
SIA द्वारा की गई यह कार्रवाई केवल कानूनी पहलू नहीं, बल्कि प्रतीकात्मक रूप से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
आगे क्या?
सूत्रों के अनुसार, इस छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य और पुराने केस रिकॉर्ड एकत्र किए गए हैं। अब इनकी जांच की जा रही है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। माना जा रहा है कि आने वाले हफ्तों में कुछ गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।