

जम्मू-कश्मीर में 29 सितंबर से फिर से कई प्रमुख पर्यटन स्थल खोले जाएंगे, जो सुरक्षा कारणों से बंद कर दिए गए थे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इसकी घोषणा की और कहा कि यह निर्णय सुरक्षा समीक्षा के बाद लिया गया है।
डल झील
Srinagar: जम्मू-कश्मीर में पर्यटन से जुड़ी खुशखबरी सामने आई है। सुरक्षा समीक्षा के बाद, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 29 सितंबर से कई प्रमुख पर्यटन स्थलों को फिर से खोलने का निर्णय लिया है। इन स्थलों को सुरक्षा कारणों से पहले बंद कर दिया गया था, खासकर कश्मीर और जम्मू डिवीजन के कुछ स्थानों को। इस निर्णय का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देना और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नया जीवन देना है।
एलजी मनोज सिन्हा ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी और बताया कि सुरक्षा एजेंसियों और जिला प्रशासन के साथ बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि कश्मीर और जम्मू डिवीजन के प्रमुख पर्यटन स्थल 29 सितंबर से पर्यटकों के लिए चरणबद्ध तरीके से खोले जाएंगे। इसमें विशेष रूप से कश्मीर के उन स्थानों को शामिल किया गया है, जिन्हें पहले आतंकवादी हमले और सुरक्षा चिंताओं के कारण बंद कर दिया गया था।
कश्मीर डिवीजन में जिन पर्यटन स्थलों को फिर से खोला जाएगा, उनमें प्रमुख स्थान शामिल हैं-
इन स्थानों को 29 सितंबर से सुरक्षा व्यवस्था के तहत खोलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह निर्णय कश्मीर और जम्मू के पर्यटन क्षेत्र में एक नया अध्याय साबित हो सकता है, जिससे इन क्षेत्रों के पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित किया जाएगा।
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की हत्या हो गई थी, जिसके बाद इन पर्यटन स्थलों को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया था। इसके बाद प्रशासन ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर चलाकर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। सुरक्षा स्थिति में सुधार होने के बाद, प्रशासन ने अब इन स्थलों को फिर से खोलने का निर्णय लिया है।
पर्यटन स्थलों के फिर से खुलने से न केवल पर्यटकों को राहत मिलेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी एक नया आयाम मिलेगा। पर्यटन उद्योग में ताजगी आने से होटल, रेस्तरां और अन्य व्यापारिक गतिविधियों को भी फायदा होगा। पिछले कुछ महीनों से इन क्षेत्रों में पर्यटन पर रोक लगने से स्थानीय व्यवसायियों को खासा नुकसान हुआ था। अब इन स्थानों के खुलने से रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी और स्थानीय लोगों की आमदनी में भी इजाफा होगा।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यह भी कहा कि पर्यटकों के लिए यह एक सकारात्मक कदम होगा और आने वाले दिनों में अन्य पर्यटन स्थलों को भी खोला जा सकता है। यह कदम जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है।