परमाणु हथियारों पर ट्रंप का अल्टीमेटम: क्या ईरान-अमेरिका टकराव नए दौर में प्रवेश कर चुका है?

पश्चिमी एशिया में इज़राइल और ईरान के बीच तेजी से बढ़ते तनाव ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता को और गहरा कर दिया है। पढे़ं डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 17 June 2025, 10:53 AM IST
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नई दिल्ली: इज़राइल और ईरान के बीच तेजी से बढ़ते टकराव में अब अमेरिका के शामिल होने की आशंका गहराने लगी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक तीखी चेतावनी देते हुए ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने की बात कही है। उन्होंने तेहरान के नागरिकों को तुरंत शहर खाली करने की सलाह दी है, जिससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या अमेरिका अब ईरान पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है।

क्या ईरान पर हमला करेगा अमेरिका?

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर कई पोस्ट कर ईरान को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, ईरान को वह डील साइन कर लेनी चाहिए थी जो मैंने पेश की थी। अब बहुत देर हो चुकी है। इंसानी जानों के नुकसान पर अफसोस है, लेकिन मैं साफ कहता हूं कि ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देंगे। तेहरान के लोगों को तुरंत शहर छोड़ देना चाहिए।

ट्रंप के इस बयान ने दुनिया भर में खलबली मचा दी है, खासकर ऐसे समय में जब इज़राइल और ईरान के बीच तनाव अपने चरम पर है। व्हाइट हाउस ने भी बयान जारी करते हुए बताया कि ट्रंप जी7 शिखर सम्मेलन को बीच में छोड़कर महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर ध्यान देने के लिए रवाना हो गए हैं।

"तेहरान खाली करो" ट्रंप की धमकी

ट्रंप की चेतावनी केवल राजनीतिक बयान नहीं मानी जा रही, बल्कि इसके पीछे एक रणनीतिक संदेश भी छिपा है। दरअसल, वर्ष 2018 में ट्रंप प्रशासन ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते यानी ज्वॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (JCPOA) से अमेरिका को अलग कर लिया था। इस डील का उद्देश्य था कि ईरान परमाणु कार्यक्रम को सैन्य उद्देश्य के लिए इस्तेमाल न करे। इसके बदले में उसे कुछ आर्थिक राहतें मिलनी थीं।

America's open entry in Israel-Iran conflict

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फोटो सोर्स-इंटरनेट)

हालांकि ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह नागरिक उपयोग के लिए है। लेकिन अमेरिका और इज़राइल को इस पर संदेह है। अमेरिका का दावा है कि ईरान चुपचाप हथियार निर्माण की दिशा में बढ़ रहा है।

क्या इजराइल-ईरान टकराव में अमेरिका की खुली एंट्री?

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 तक ईरान के पास लगभग 275 किलोग्राम यूरेनियम मौजूद था, जिसे 60% तक संवर्धित किया जा चुका है। यदि इसे और शुद्ध किया जाता है, तो ईरान करीब आधा दर्जन परमाणु हथियार बनाने की स्थिति में आ सकता है। यही तथ्य अमेरिका और इज़राइल की चिंता का मुख्य कारण है।

अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या अमेरिका वास्तव में सैन्य कार्रवाई की ओर बढ़ रहा है? ट्रंप की बयानबाज़ी और तेजी से बदलते घटनाक्रम इस ओर इशारा कर रहे हैं कि हालात किसी भी समय विस्फोटक रूप ले सकते हैं। यदि अमेरिका ने सैन्य हस्तक्षेप किया, तो यह संघर्ष केवल क्षेत्रीय नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर अस्थिरता ला सकता है।

फिलहाल दुनिया की नजरें अमेरिका, इज़राइल और ईरान की अगली चाल पर टिकी हैं। कूटनीति और बातचीत की संभावनाएं धीरे-धीरे खत्म होती दिख रही हैं और युद्ध की आहट साफ सुनाई देने लगी है।

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