

ऑस्ट्रेलिया ने फिलीस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता देने का फैसला किया है, जिससे अमेरिका के करीबी माने जाने वाले देश ने अलग रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कदम मध्य पूर्व में शांति बहाल करने और मानवीय संकट समाप्त करने की दिशा में एक जरूरी प्रयास है।
ट्रंप (Img: Google)
New Delhi: ऑस्ट्रेलिया ने फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने का बड़ा फैसला लिया है, जिससे अमेरिका को कूटनीतिक रूप से करारा झटका लगा है। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने सोमवार, 11 अगस्त 2025 को यह ऐलान किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की बैठक में आधिकारिक रूप से पेश किया जाएगा।
प्रधानमंत्री अल्बनीज ने कहा कि उनका देश मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने और फिलिस्तीनी जनता के लिए न्याय सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह फैसला फिलिस्तीनी प्राधिकरण से ऑस्ट्रेलिया को मिली कुछ महत्वपूर्ण राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिबद्धताओं पर आधारित है।
दो-राज्य समाधान सबसे बड़ी उम्मीद
एंथनी अल्बनीज ने कहा, 'मध्य पूर्व में दशकों से जारी हिंसा और अस्थिरता को खत्म करने का एकमात्र रास्ता दो-राष्ट्र समाधान है। गाजा में चल रहे संघर्ष, पीड़ा और भुखमरी को समाप्त करने के लिए यह मानवता की सबसे बड़ी उम्मीद है।'
उन्होंने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा गाजा में सैन्य कार्रवाई की नई योजना की भी कड़ी आलोचना की। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में विभिन्न राजनीतिक दलों और नागरिक समाज संगठनों की ओर से फिलीस्तीन को मान्यता देने की मांग तेज हो गई थी, जिसके बाद यह ऐलान किया गया।
UNGA में मजबूत होगा फिलीस्तीन का समर्थन
सितंबर में होने वाली UN महासभा की बैठक में ऑस्ट्रेलिया फिलिस्तीन के समर्थन में मतदान करेगा। इससे पहले ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा भी फिलिस्तीन को अलग देश के रूप में मान्यता देने की घोषणा कर चुके हैं।
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा था कि उनकी सरकार फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने के लिए UNGA में समर्थन देगी। वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने चेताया कि यदि इजराइल युद्ध रोकने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाता, तो ब्रिटेन भी फिलिस्तीन को मान्यता देगा।
अमेरिका का अलग रुख
इस मुद्दे पर अमेरिका अब भी अड़ा हुआ है। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने हाल ही में स्पष्ट किया कि अमेरिका की फिलहाल फिलीस्तीन को मान्यता देने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि 'जहां कोई कार्यशील सरकार नहीं है, वहां मान्यता देने का कोई अर्थ नहीं है। अमेरिका इस समय गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने पर फोकस कर रहा है।'