

अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनी एक्सिओम स्पेस के एक्सिओम-4 मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला आज अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना होंगे।
शुभांशु शुक्ला आज अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर रवाना होंगे
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। खगोल भौतिकीविद् और अशोका विश्वविद्यालय के कुलपति सोमक रायचौधरी ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की AXIOM-4 मिशन पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा को "भारत की ह्यूमन स्पेसफ्लाइट में री-एंट्री" करार दिया है।
ड्रैगन कैप्सूल की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से डॉकिंग एक अत्यंत सटीक और तकनीकी प्रक्रिया है। जब कैप्सूल ISS के निकट पहुंचता है, तो वह पहले डॉकिंग पोर्ट के साथ खुद को संरेखित (align) करता है। इसके बाद वह धीरे-धीरे अपनी गति कम करता है ताकि स्टेशन से सुरक्षित दूरी बनाए रख सके।
कैप्सूल तब तक स्थिति में स्थिर रहता है जब तक उसे नियंत्रण केंद्र से आगे बढ़ने की अनुमति नहीं मिल जाती। डॉकिंग प्रक्रिया पूरी तरह से ऑटोमैटिक होती है, लेकिन अगर किसी तकनीकी कारण से हस्तक्षेप ज़रूरी हो, तो पायलट इसे मैन्युअल रूप से नियंत्रित भी कर सकता है।
केंद्रीय कैबिनेट ने एक्सिओम-4 मिशन के सफल लॉन्च का स्वागत किया है। इस मिशन में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की भागीदारी पर विशेष गर्व व्यक्त किया गया, क्योंकि वे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुँचने वाले पहले भारतीय हैं। कैबिनेट ने इस महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन के लिए शुभांशु शुक्ला और उनके साथ गए सभी अंतरिक्ष यात्रियों को बधाई दी है।
भारतीय समयानुसार दोपहर 2:20 बजे - मिशन के 2 घंटे और 18 मिनट बाद - ड्रैगन अंतरिक्ष यान 27,048 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यात्रा कर रहा था। उड़ान के उस बिंदु पर, यह पृथ्वी से 217 किलोमीटर की ऊँचाई पर पहुँच गया था।
शुभांशु शुक्ला मिशन लॉन्च के बाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने भारत के लिए अंतरिक्ष में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है, पूरा देश सितारों में एक भारतीय की यात्रा पर उत्साहित और गौरवान्वित है। वह और अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के एक्सिओम मिशन 4 के उनके साथी अंतरिक्ष यात्री साबित करते हैं कि दुनिया वास्तव में एक परिवार है - 'वसुधैव कुटुम्बकम'। इस मिशन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं, जो नासा और इसरो के बीच स्थायी साझेदारी को दर्शाता है। चालक दल द्वारा किए जाने वाले व्यापक प्रयोग वैज्ञानिक अध्ययन और अंतरिक्ष अन्वेषण की नई सीमाओं को जन्म देंगे।
शुभांशु शुक्ला मिशन लॉन्च के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "हम भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष मिशन के सफल प्रक्षेपण का स्वागत करते हैं।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने की राह पर हैं। वे अपने साथ 1.4 बिलियन भारतीयों की इच्छाएँ, उम्मीदें और आकांक्षाएँ लेकर आए हैं।
उन्हें और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को शुभकामनाएँ!"
दिल्ली: शुभांशु शुक्ला को लेकर प्रधानमंत्री मोदी का ट्वीट
➡️"140 करोड़ देशवासियों की शुभकामनाएं शुभांशु के साथ हैं"
➡️"मिशन की सफलता के लिए शुभकामनाएं"
➡️"शुभांशु से 140 करोड़ भारतीयों को उम्मीद"
➡️"ISS जाने वाले पहले भारतीय बनकर रचा इतिहास" @narendramodi #Delhi #Axiom4… pic.twitter.com/tdGzCPSTTC— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) June 25, 2025
भारत के गौरव ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के सम्मान में डॉ. सिंह ने मिठाई बांटी और इसे भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया। समारोह में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बढ़ते वैज्ञानिक सहयोग की भी सराहना की गई। यह आयोजन शुभांशु की सफलता के साथ भारत के उज्ज्वल अंतरिक्ष भविष्य की ओर एक मजबूत संकेत है।
AXIOM-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर बढ़ते हुए भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से अपना पहला भावुक संदेश भेजा है। उन्होंने कहा, "मेरे कंधे पर मेरा तिरंगा है, और यह मेरे लिए सबसे बड़ा गर्व है।"
अंतरिक्ष के रास्ते से शुभांशु शुक्ला का पहला भावुक संदेश
➡️"मेरे कंधे पर मेरा तिरंगा है"
➡️Axiom-4 मिशन से भेजा गया संदेश@IndiaInSky #space #ShubhanshuShukla #AxiomMission4 #NASA #SpaceX pic.twitter.com/kpdxEYyi9r— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) June 25, 2025
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा पर उनके परिवार में खुशी की लहर है। जैसे ही उनका स्पेसक्राफ्ट अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना हुआ, उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला ने भावुक होते हुए कहा, "हम बेहद खुश हैं, यह गर्व का पल है।
यात्रा में कुल 28 घंटे का समय लगेगा और गुरुवार शाम 4:30 बजे (भारतीय समयानुसार) ISS से डॉकिंग की संभावना है। शुभांशु की यह उड़ान भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक और गौरवपूर्ण उपलब्धि है। इस मिशन में इसरो के 7 वैज्ञानिक प्रयोग भी अंतरिक्ष में भेजे गए हैं।
शुभांशु की उड़ान, छूने चले आसमान
➡️7000 KM प्रति घंटे की रफ्तार से यान ने पार किया वायुमंडल
➡️28 घंटे की यात्रा के बाद ISS से गुरुवार शाम 4:30 बजे डॉकिंग की उम्मीद@IndiaInSky #space #ShubhanshuShukla #AxiomMission4 #NASA pic.twitter.com/7K61zGKeKS— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) June 25, 2025
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक उड़ान ने नया अध्याय रच दिया है। स्पेसX के ड्रैगन कैप्सूल ने लगभग 7000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वायुमंडल को पार किया और AXIOM-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर बढ़ रहा है।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला AXIOM-4 मिशन के तहत स्पेसX के ड्रैगन कैप्सूल से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना हो गए हैं। अमेरिका के केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुए इस मिशन को ISS तक पहुंचने में लगभग 28 घंटे लगेंगे।
शुभांशु शुक्ला को लेकर ड्रैगन कैप्सूल रवाना
➡️अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर बढ़ा Axiom-4 मिशन
➡️28 घंटे में पूरा होगा स्पेस स्टेशन तक का सफर
➡️शुभांशु बने अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय
➡️भारत के लिए ऐतिहासिक और गर्व का क्षण@IndiaInSky #space #ShubhanshuShukla… pic.twitter.com/nelqytQBUa— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) June 25, 2025
राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला बन जाएंगे अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय एक्सिओम-4 मिशन से हो रही है ऐतिहासिक उड़ान
41 साल बाद, ISS पर फिर लहराएगा भारतीय परचम
➡️राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला बन जाएंगे अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय
➡️एक्सिओम-4 मिशन से हो रही है ऐतिहासिक उड़ान@IndiaInSky #space #ShubhanshuShukla #ISRO #NASA pic.twitter.com/yXpYYYftzz— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) June 25, 2025
मिशन के अन्य सदस्यों के साथ शुभांशु लगभग 16 घंटे की यात्रा के बाद गुरुवार सुबह करीब 7 बजे (भारतीय समयानुसार) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचेंगे।
नई दिल्ली: अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में भारत एक और ऐतिहासिक अध्याय जोड़ने जा रहा है। अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनी एक्सिओम स्पेस के एक्सिओम-4 मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला आज अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना होंगे। यह मिशन भारतीय समयानुसार बुधवार और गुरुवार की मध्यरात्रि 12:01 बजे अमेरिका से लॉन्च किया जाएगा।
एक्सिओम-4 मिशन में शुभांशु शुक्ला के साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री भी होंगे, जो वैज्ञानिक शोध और प्रयोगों के लिए आईएसएस पर करीब दो सप्ताह बिताएंगे। इस मिशन में इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) द्वारा डिजाइन किए गए कुल 7 वैज्ञानिक प्रयोगों को भी शामिल किया गया है। इनमें माइक्रोग्रैविटी में जैविक प्रतिक्रिया, मैटेरियल साइंस, स्पेस मेडिसिन और संचार प्रणाली से जुड़ी महत्वपूर्ण परियोजनाएं शामिल हैं।
शुभांशु शुक्ला का यह मिशन न केवल भारत के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि देश की अंतरिक्ष क्षमताओं के विस्तार की दिशा में एक ठोस कदम भी है। एक्सिओम-4 मिशन भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करेगा।
भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' की तैयारियों के बीच यह मिशन भारत के अनुभव को और समृद्ध करेगा। यह अंतरिक्ष विज्ञान में भारतीय युवाओं को प्रेरित करेगा और वैश्विक मंच पर भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा।
शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए सफलता की नई उड़ान है।