Saudi Bus Accident: वापस भारत नहीं आएगी डेडबॉडी, जानें जिंदा जले 45 भारतीयों के शवों का क्या होगा?

सऊदी अरब के मक्का-मदीना हाईवे पर हुए भीषण बस हादसे में मारे गए 45 भारतीयों के शव अब भारत वापस नहीं लाए जाएंगे। तेलंगाना सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी मृतकों को स्थानीय धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार सऊदी में ही दफनाया जाएगा।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 18 November 2025, 11:59 AM IST
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New Delhi: सऊदी अरब के मक्का-मदीना हाईवे पर रविवार देर रात हुए दर्दनाक हादसे में मारे गए 45 भारतीय नागरिकों के शव अब भारत वापस नहीं लाए जाएंगे। सरकार ने सोमवार को यह निर्णय लिया कि सभी मृतकों को उनके धार्मिक रीति-रिवाज़ों के अनुसार सऊदी अरब में ही दफनाया जाएगा। यह सभी भारतीय उमरा यात्रा पर गए थे और मक्का से मदीना की ओर जा रहे थे। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि हर पीड़ित परिवार से दो सदस्यों को अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सऊदी भेजा जाएगा।

क्यों लिया शव को सऊदी अरब में ही दफनाने का फैसला?

पीड़ित परिवारों को शव भारत लाने या मदीना के जन्नतुल बकी कब्रिस्तान में दफनाने का विकल्प भी दिया जा सकता है, लेकिन सऊदी कानून के अनुसार शवों की वापसी अत्यंत कठिन प्रक्रिया है। सऊदी अरब में तीर्थयात्रियों की मृत्यु की स्थिति में शव आमतौर पर देश के भीतर ही दफनाया जाता है। हज और उमरा मंत्रालय की ओर से तीर्थयात्रा शुरू करने से पहले यात्रियों से एक डिक्लेरेशन फॉर्म पर हस्ताक्षर कराए जाते हैं, जिसमें साफ उल्लेख होता है कि यदि किसी तीर्थयात्री की सऊदी में मृत्यु होती है तो उसका अंतिम संस्कार वहीं किया जाएगा।

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क्या नियम है वहां पर लागू?

भारतीय सरकार का नियम इससे थोड़ा अलग है। यदि कोई गैर-तीर्थयात्री भारतीय नागरिक सऊदी में मृत्यु का शिकार होता है तो परिवार की इच्छा पर शव को वापस भारत लाया जा सकता है। लेकिन उमरा और हज यात्रियों के मामले में वहां के स्थानीय नियम ही लागू होते हैं।

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इस हादसे में मुआवजा मिलना भी आसान नहीं है। सऊदी में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में सरकार की ओर से सीधे मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है। क्षतिपूर्ति तभी दी जा सकती है जब पुलिस जांच में यह स्पष्ट हो कि दुर्घटना के लिए टैंकर ड्राइवर या संबंधित कंपनी जिम्मेदार है और पीड़ित परिवार अदालत में दावा दायर करे। यह पूरी प्रक्रिया कई महीनों तक चल सकती है।

कैसे हुआ था हादसा?

रविवार देर रात भारतीय समयानुसार लगभग 1:30 बजे यह हादसा हुआ, जब मक्का से मदीना जा रही उमरा यात्रियों की बस रास्ते में किनारे खड़ी थी। तभी पीछे से तेज रफ्तार फ्यूल टैंकर ने बस को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि अधिकांश यात्रियों को संभलने का मौका भी नहीं मिल पाया। मृतकों में 18 महिलाएं, 17 पुरुष और 10 बच्चे शामिल हैं। हैदराबाद निवासी 24 वर्षीय मोहम्मद अब्दुल शोएब इस दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचे यात्री हैं, जो ड्राइवर के पास बैठे थे। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां सरकारी अस्पताल में उनका इलाज जारी है।

18 लोग एक ही परिवार के

हादसे में मारे गए 18 लोग एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं, जिनमें 9 बच्चे और 9 वयस्क शामिल थे। यह पूरा परिवार 22 नवंबर को भारत लौटने वाला था। हैदराबाद पुलिस के अनुसार 9 नवंबर को कुल 54 लोग सऊदी गए थे। इनमें से 46 लोग बस में सवार थे, जबकि 8 लोग अलग-अलग वाहनों या स्थानों पर थे।

मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान

तेलंगाना सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने दिल्ली स्थित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे रियाद में भारतीय दूतावास से समन्वय कर पीड़ितों की पहचान, अंतिम संस्कार और आवश्यक औपचारिकताओं को प्राथमिकता से पूरा कराएं।

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Published : 
  • 18 November 2025, 11:59 AM IST