इटली के लैम्पेडुसा के पास बड़ा नाव हादसा: 27 प्रवासियों की मौत, कई दर्जन अब भी लापता

इटली के लैम्पेडुसा द्वीप के पास भूमध्य सागर में एक और भयावह नाव हादसे में 27 प्रवासियों की जान चली गई। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के अनुसार, इस हादसे में 35 लोग अब भी लापता हैं, जबकि 60 को बचाया गया है। साल 2025 में भूमध्यसागर मार्ग पर अब तक 700 से अधिक प्रवासियों की मौत हो चुकी है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 14 August 2025, 6:16 PM IST
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New Delhi: इटली के लैम्पेडुसा द्वीप के पास गुरुवार 14 अगस्त 2025 को एक भीषण नाव हादसे में कम से कम 27 प्रवासियों और शरणार्थियों की मौत हो गई। यह हादसा भूमध्य सागर के उस खतरनाक मार्ग पर हुआ, जिसे प्रवासी अक्सर यूरोप पहुंचने के लिए चुनते हैं। ,संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि यह 2025 का एक और दुखद उदाहरण है, जहां अवैध और असुरक्षित मार्गों से यूरोप पहुंचने की कोशिश करने वाले लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

फिलिपो ग्रांदी का बयान

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांदी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय सामूहिक प्रतिक्रिया को मजबूत करे। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि लैम्पेडुसा के पास एक दर्दनाक नाव हादसे में 27 लोगों की मौत हुई है। साल 2025 में अब तक 700 से ज्यादा प्रवासियों की मौत हो चुकी है। अब हर स्तर पर प्रतिक्रिया को मजबूत करना जरूरी है – चाहे वह समुद्र में बचाव हो, कानूनी रास्ते हों या मूल कारणों को सुलझाना। ग्रांदी ने यह भी कहा कि यह समय केवल शोक मनाने का नहीं, बल्कि समाधान लागू करने का है, ताकि आगे और जानें न जाएं।

UNHCR और IMO ने दी विस्तृत जानकारी

UNHCR इटली के संचार अधिकारी ने पुष्टि की कि एजेंसी हादसे में बचे लोगों की मदद कर रही है। उन्होंने बताया कि अब तक 675 प्रवासियों की मौतें 2025 में दर्ज की जा चुकी हैं, और यह संख्या हर सप्ताह बढ़ रही है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) के प्रवक्ता फ्लाविदो डी जियाकोमो ने बताया कि करीब 95 लोग लीबिया से दो नावों में रवाना हुए थे। इनमें से एक नाव में समुद्र के बीच पानी भरने लगा, जिससे यात्रियों को मजबूरी में दूसरी नाव में शरण लेनी पड़ी। लेकिन दूसरी नाव पर अधिक भीड़ होने के कारण वह असंतुलित होकर पलट गई, जिसके चलते यह हादसा हुआ।

60 लोगों की जान बचाई गई, 35 अब भी लापता

जियाकोमो के अनुसार, 60 लोगों को बचा लिया गया, लेकिन 35 लोग अब भी लापता हैं या मृतकों में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि एक दर्दनाक दृश्य था डूबती नाव, लोगों की चीखें और बचे हुए यात्रियों की आंखों में डर। यह हादसा बताता है कि प्रवासी किस हद तक जोखिम उठाकर एक बेहतर जीवन की तलाश में निकलते हैं।

क्यों दोहराए जा रहे हैं ये हादसे?

इन हादसों की सबसे बड़ी वजह अवैध मानव तस्करी, असुरक्षित नावें, और यात्रियों की भीड़ हैं। लीबिया, ट्यूनीशिया और अन्य अफ्रीकी देशों से हजारों लोग हर साल असुरक्षित समुद्री मार्ग से इटली और अन्य यूरोपीय देशों की ओर पलायन करते हैं। तस्कर उन्हें झूठे सपने दिखाकर इस खतरनाक सफर पर भेजते हैं, और अक्सर ये नावें क्षमता से कहीं अधिक लोगों को लेकर रवाना होती हैं। किसी भी तकनीकी खराबी या समुद्र की हल्की लहरें भी नावों के पलटने का कारण बन सकती हैं।

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