Israel-Syria Conflict: इजरायल-सीरिया संघर्ष में युद्धविराम पर सहमति, शांति की राह पर पहला कदम, पढ़ें पूरी खबर

इजरायल और सीरिया के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच एक नई उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है, जब दोनों देशों ने सीजफायर पर सहमति जताई। अमेरिकी राजदूत टॉम बैरक के अनुसार, यह युद्ध विराम इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और सीरिया के राष्ट्रपति अहमद-अल-शराआ के बीच सहमति से हुआ है। इस रिपोर्ट में हम आपको सीजफायर की पूरी जानकारी और इसके क्षेत्रीय प्रभावों के बारे में बताएंगे।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 19 July 2025, 8:34 AM IST
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New Delhi: मिडल ईस्ट में तनाव की स्थिति एक बार फिर गहराई थी, जब इजरायल ने सीरिया पर हमला किया था। बुधवार को इजरायल के एयर स्ट्राइक ने सीरिया की राजधानी दमिश्क को निशाना बनाकर बमबारी की थी। इस हमले में सीरियाई सेना के मुख्यालय को भी निशाना बनाया गया था, जिससे क्षेत्र में भारी तबाही मच गई थी। हालांकि अब अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद, इजरायल और सीरिया दोनों ने युद्धविराम (सीजफायर) पर सहमति जताई है। अमेरिकी राजदूत टॉम बैरक के अनुसार, यह कदम क्षेत्र में शांति की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

सीजफायर की घोषणा

अमेरिकी राजदूत टॉम बैरक ने शुक्रवार को सीरिया के विभिन्न लड़ाकों से अपील की कि वे हथियार न उठाएं और शांतिपूर्वक संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाएं। टॉम बैरक ने ट्वीट कर बताया कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और सीरिया के नए नेता अहमद-अल-शराआ ने इस युद्धविराम पर सहमति व्यक्त की है। इसके अलावा पड़ोसी देश जॉर्डन और तुर्की ने भी इस सीजफायर का समर्थन किया है, जो दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का संकेत देता है।

टॉम बैरक का संदेश

सीजफायर की जानकारी देते हुए, टॉम बैरक ने अपने ट्वीट में कहा, “हम ड्रूज, बैडोइन और सुन्नी समुदायों से अनुरोध करते हैं कि वे सभी अपने हथियार डाल दें और एक नए सीरिया का निर्माण करें।” उन्होंने कहा कि सभी अल्पसंख्यक समुदायों को एकजुट होकर शांति और समृद्धि की दिशा में काम करना चाहिए। उनका कहना था कि इस संघर्ष के समाप्त होने से सीरिया के लोगों को एक नया और बेहतर भविष्य मिल सकता है।

Israel-Syria ceasefire (Source-Google)

इजरायल-सीरिया सीजफायर (सोर्स-गूगल)

इजरायल द्वारा सीरिया पर हमला

इससे पहले, बुधवार को इजरायल ने सीरिया के दमिश्क पर बमबारी की थी, जो कि एक गंभीर हमले के रूप में देखा गया था। इजरायल ने अपने हमले के पीछे यह कारण बताया कि वह ड्रूज समुदाय के लोगों की मदद कर रहा था, जो सीरिया के दक्षिणी हिस्से में रहते हैं और बैडोइन समुदाय के साथ तनाव का सामना कर रहे हैं। इजरायल का कहना था कि यह हमला सीरिया में एक जातीय संघर्ष को शांत करने के लिए किया गया था।

इजरायल का दृष्टिकोण और तर्क

इजरायल के अधिकारियों का कहना था कि सीरिया में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करना आवश्यक था, खासकर तब जब उनका सामना बैडोइन समुदाय द्वारा उत्पीड़न और संघर्षों से हो रहा था। हालांकि इस हमले ने मिडल ईस्ट में स्थिति को और जटिल बना दिया था और क्षेत्रीय तनाव में इजाफा हो गया था।

क्षेत्रीय शांति की दिशा में एक कदम

अब जबकि दोनों देशों ने सीजफायर पर सहमति दी है, उम्मीद जताई जा रही है कि यह कदम क्षेत्रीय शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। हालांकि युद्धविराम की स्थिरता इस बात पर निर्भर करेगी कि दोनों पक्ष इसे कितना गंभीरता से लागू करते हैं और क्या भविष्य में इस समझौते का पालन किया जाता है।

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