Indo Pak War: भारत-पाकिस्तान के बीच आज होगी डीजीएमओ स्तर की वार्ता, लिए जा सकते हैं ये महत्वपूर्ण निर्णय

भारत और पाकिस्तान के बीच आज डीजीएमओ स्तर की महत्वपूर्ण वार्ता होने जा रही है। जिसमें किन विषयों पर चर्चा होने की संभावना है, जानने के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट

Post Published By: Jaya Pandey
Updated : 12 May 2025, 9:23 AM IST
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नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच सोमवार यानी आज दोपहर 12 बजे डीजीएमओ स्तर की महत्वपूर्ण वार्ता होने जा रही है। इस वार्ता की पुष्टि भारतीय सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने की है। यह बातचीत दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव, नियंत्रण रेखा (LoC) पर हो रहे संघर्ष विराम उल्लंघनों और सीमा पार आतंकी गतिविधियों को लेकर बेहद अहम मानी जा रही है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि यह वार्ता नियमित सैन्य संवाद के अंतर्गत आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता को बनाए रखना है। डीजीएमओ स्तर की वार्ताएं दोनों देशों के बीच वर्षों से एक संवैधानिक और सैन्य माध्यम रही हैं, जिनके माध्यम से सीमा पर होने वाली घटनाओं पर विचार-विमर्श और समाधान किया जाता है।

नागरिकों और सैनिकों की हो रही हानि

भारत इस वार्ता में पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर बार-बार किए जा रहे संघर्ष विराम के उल्लंघन, नागरिकों और सैनिकों की हानि तथा आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने जैसे मुद्दों को मजबूती से उठाएगा। वहीं पाकिस्तान भी अपने दृष्टिकोण से कुछ घटनाओं पर चिंता व्यक्त कर सकता है। दोनों पक्षों के प्रतिनिधि इस संवाद के माध्यम से आपसी विश्वास को बढ़ाने और तनाव कम करने की दिशा में काम करेंगे।

आज होगी दोनों देशों की डीजीएमओ स्तर की महत्वपूर्ण वार्ता

संघर्ष विराम के समझौते पर सहमति

गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर की पिछली वार्ता कुछ महीनों पहले हुई थी, जिसमें दोनों देशों ने संघर्ष विराम के समझौते को बनाए रखने पर सहमति जताई थी। हालांकि, जमीन पर हालात इससे अलग दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में आज होने वाली यह वार्ता आने वाले समय में सीमा पर स्थिति को नियंत्रित करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने में मदद

ऐसा माना जा रहा है कि दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच नियमित संवाद से गलतफहमियों को दूर करने, संकट की घड़ी में संवाद बनाए रखने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। अब यह देखना ये होगा कि इस वार्ता से क्या ठोस नतीजे निकलते हैं और सीमा पर शांति बहाल करने की दिशा में यह संवाद कितना प्रभावशाली साबित होता है।

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