

“ऑपरेशन सिंदूर” के तहत आतंक को भारत न मुहतोड़ जवाब दिया है, वहीं पाकिस्तान ने अपनी बौखलाहट में एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार कर दिया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट
आतंकियों का पुंछ पर हमला (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
नई दिल्ली: एक ओर जब भारत "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत आतंक को उनके अंजाम तक पहुंचा रहा था, वहीं पाकिस्तान ने अपनी बौखलाहट में एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार कर दिया। 7 मई की रात पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पूंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास स्थित गांवों को निशाना बनाकर अंधाधुंध गोलीबारी और मोर्टार दागे। इस बर्बर हमले में कम से कम 15 निर्दोष कश्मीरी नागरिकों की मौत हो गई, जिनमें महिलाएं और मासूम बच्चे भी शामिल हैं। दर्जनों अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, 7 मई की रात करीब 11 बजे अचानक पाकिस्तानी चौकियों से भारी गोलीबारी शुरू हो गई। मोर्टार और ऑटोमैटिक हथियारों से किए गए इस हमले ने पूरे गांव को दहला दिया। गोलियां घरों की दीवारों को चीरती रहीं और मोर्टार सीधे रिहायशी इलाकों पर गिरे। मारे गए लोगों में एक 7 साल का बच्चा और 12 साल की बच्ची भी शामिल हैं, जो घर के भीतर सो रहे थे जबकि 30 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए हैं।
भारतीय सेना ने पाकिस्तानी आतंकियों के इस नापाक हरकत के लिए मुहतोड़ जवाब दिया, लेकिन तब तक आम नागरिकों को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ा। हमले में घायल लोगों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रशासन ने इलाके में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है, लेकिन डर का माहौल अब भी बना हुआ है।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला पाकिस्तान की घबराहट को दर्शाता है, जो ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से बौखलाया हुआ है। यह हमला न केवल युद्धविराम उल्लंघन है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों का सीधा उल्लंघन भी है। भारत सरकार ने इस कायराना हरकत की कड़ी निंदा करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
वहीं, पूंछ जिले में मौजूद एक गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष नरिंदर सिंह ने बताया कि पाकिस्तानी गोला गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के एक कोने पर लगा, जिससे एक दरवाजा क्षतिग्रस्त हो गया। हमले की दुनियाभर में निंदा हो रही है और साथ ही पाकिस्तान की भी आलोचना हो रही है।