

डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि अमेरिका और भारत के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौता बेहद करीब है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
डोनाल्ड ट्रंप (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि अमेरिका और भारत के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौता बेहद करीब है। हालांकि, उन्होंने साथ ही यह चेतावनी भी दी कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई सैन्य संघर्ष होता है, तो अमेरिका इन दोनों देशों में से किसी के साथ भी व्यापारिक समझौते में दिलचस्पी नहीं रखेगा।
ट्रंप ने यह बयान जॉइंट बेस एंड्रयूज में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिया। उन्होंने कहा, “हम भारत के साथ एक मजबूत व्यापार समझौते की दिशा में बढ़ रहे हैं। लेकिन अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है, तो मेरा उस समझौते में कोई इंटरेस्ट नहीं रहेगा।”
भारत-पाक तनाव का संदर्भ
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकी हमले और इसके बाद भारत द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में आया है। इस आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और PoJK में स्थित आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। दोनों देशों के बीच इस दौरान मिसाइल, ड्रोन और फाइटर जेट्स का इस्तेमाल करते हुए कई सैन्य झड़पें हुईं, जो हाल के वर्षों में सबसे गंभीर मानी जा रही हैं।
पाकिस्तान की चिंता
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान भी अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करना चाहता है ताकि उस पर लगने वाले 29% आयात शुल्क (टैरिफ) से बचा जा सके। अमेरिका ने हाल ही में कई देशों पर नए व्यापारिक शुल्क लगाए हैं, जिसमें पाकिस्तान का 3 अरब डॉलर का ट्रेड सरप्लस भी एक कारण बताया गया है। पाकिस्तान के प्रतिनिधि अगले सप्ताह अमेरिका की यात्रा पर आ रहे हैं, जहां इस मुद्दे पर चर्चा होनी तय है।
भारत के साथ व्यापार समझौता 'बहुत करीब'
ट्रंप ने कहा कि भारत के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौता सीमित रूप में होगा, लेकिन यह शांति और स्थिरता को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि व्यापार समझौते राजनीतिक और सैन्य स्थिरता पर आधारित होने चाहिए, न कि संघर्ष पर।
भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों में मजबूती
इसी बीच, अमेरिका के उप विदेश सचिव क्रिस्टोफर लैंडाउ ने भारत-अमेरिका रिश्तों को “ऐतिहासिक शिखर” पर बताया। वॉशिंगटन में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मुलाकात के बाद लैंडाउ ने कहा कि 21वीं सदी में यह साझेदारी बेहद अहम भूमिका निभाएगी। दोनों पक्षों ने निष्पक्ष व्यापार, अवैध आव्रजन पर नियंत्रण, और नशा तस्करी के खिलाफ सहयोग जैसे विषयों पर चर्चा की।
50 अरब डॉलर के सरकारी ठेकों में अमेरिकी कंपनियों को जगह?
रॉयटर्स की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, भारत जल्द ही 50 अरब डॉलर से अधिक के सरकारी ठेकों में अमेरिकी कंपनियों को भागीदारी की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। यह कदम दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को नई ऊंचाई तक पहुंचा सकता है।
भारत फिलहाल अमेरिका को किए जा रहे निर्यात पर औसतन 26% टैक्स का सामना कर रहा है। यह समझौता न केवल उस वित्तीय दबाव को कम करेगा, बल्कि भारत के टेक्नोलॉजी और रक्षा क्षेत्रों में निवेश को भी बढ़ावा देगा।