

तुर्किए और इंडोनेशिया ने 10 अरब डॉलर की डिफेंस डील पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें 48 KAAN 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट शामिल हैं। यह तुर्किए का पहला निर्यात सौदा है जो दोनों देशों के बीच सैन्य और तकनीकी सहयोग को मजबूत करेगा।
KAAN फाइटर जेट
New Delhi: तुर्किए और इंडोनेशिया ने रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है। तुर्किए की राजधानी इस्तांबुल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय रक्षा मेले (IDEF) 2025 के दौरान, दोनों देशों के बीच 48 KAAN 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स की बिक्री के लिए 10 अरब डॉलर की बड़ी डिफेंस डील पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह तुर्किए की ओर से इस अत्याधुनिक लड़ाकू विमान का पहला निर्यात सौदा है, जो वैश्विक रक्षा उद्योग में तुर्किए की बढ़ती तकनीकी क्षमताओं को दर्शाता है।
तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने इस डील की घोषणा 11 जून को की थी और अब यह सौदा आधिकारिक रूप से अंतिम रूप ले चुका है। इस डील के साथ इंडोनेशिया तुर्किए की स्वदेशी रक्षा तकनीक का पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय ग्राहक बन गया है। यह समझौता दोनों देशों के बीच सैन्य और तकनीकी सहयोग को नए आयाम प्रदान करेगा।
KAAN फाइटर जेट: 5वीं पीढ़ी का उभरता सितारा
KAAN फाइटर जेट, जिसे पहले TF-X के नाम से जाना जाता था, तुर्किए द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक मल्टी-रोल लड़ाकू विमान है। यह विमान न केवल हवाई श्रेष्ठता और सटीक हमलों के लिए उपयुक्त है, बल्कि इसे डिजिटल एवियॉनिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीकों से लैस किया गया है। इसका डिजाइन रडार से बचाव के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है, जो इसे युद्ध के क्षेत्र में अत्यधिक प्रभावी बनाता है।
2023 में इसका पहला प्रोटोटाइप पेश किया गया था, जबकि 2024 में इस विमान की पहली सफल परीक्षण उड़ान हुई। तुर्किए 2028 में इसके सीरियल प्रोडक्शन की शुरुआत करेगा और 2030 से इसे इंडोनेशिया को डिलीवर करना शुरू करेगा। KAAN के पास सुपरसोनिक गति, हवाई युद्ध और जमीनी हमलों के साथ-साथ निगरानी कार्य करने की बहुमुखी क्षमता है।
इंडोनेशिया के लिए रणनीतिक महत्व
इंडोनेशिया के लिए यह डील अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे न केवल उनकी वायु सेना की तकनीकी ताकत में वृद्धि होगी, बल्कि यह तुर्किए के साथ दीर्घकालिक रक्षा और तकनीकी साझेदारी की नींव भी रखेगा। यह सौदा दोनों मुस्लिम बहुल देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में भी सहायक होगा।
तुर्किए रक्षा उद्योग एजेंसी ने इस डील को इंजीनियरिंग, उत्पादन और प्रौद्योगिकी सहयोग के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत बताया है। यह समझौता वैश्विक रक्षा बाजार में तुर्किए की तकनीकी प्रगति का प्रतीक है और इंडोनेशिया को अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।