

बीएनपी महासचिव मिर्ज़ा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने नौकरशाही को राजनीतिक नियंत्रण में लाने के प्रयासों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने साफ कहा कि चुनाव निष्पक्ष और तय समय-सीमा में न हुए तो बीएनपी हिस्सा नहीं लेगी। सरकारी संस्थाओं और चुनाव आयोग से उन्होंने पूरी तटस्थता बरतने की मांग की है।
बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर
Dhaka: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने आगामी 13वें संसदीय चुनावों से पहले ब्यूरोक्रेट्स को एक विशेष राजनीतिक पार्टी के नियंत्रण में लाने की कथित कोशिशों पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने शुक्रवार को ढाका में एक कार्यक्रम में बोलते हुए चेतावनी दी कि बीएनपी ऐसे किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगी।
इंजीनियर्स इंस्टीट्यूशन ऑडिटोरियम, रमना में आयोजित एक कार्यक्रम में फखरुल ने बिना किसी राजनीतिक दल का नाम लिए कहा, 'नौकरशाही को एक खास पार्टी के नियंत्रण में लाने के प्रयास चल रहे हैं। हम (बीएनपी) इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे।'
फखरुल 'शहीद जिहाद स्मृति परिषद' द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम बीएनपी के छात्र संगठन 'जातीयतावादी छात्र दल' के कार्यकर्ता नाज़िम उद्दीन जिहाद की मृत्यु की 35वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। जिहाद की 10 अक्टूबर 1990 को तत्कालीन सैन्य शासक एचएम इरशाद के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में मौत हो गई थी। इस घटना ने इरशाद-विरोधी आंदोलन को नई ऊर्जा दी, जिसके चलते 5 दिसंबर 1990 को अंततः इरशाद को इस्तीफा देना पड़ा। बीएनपी हर वर्ष 10 अक्टूबर को 'जिहाद दिवस' के रूप में मनाती है।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
फखरुल ने इस अवसर पर चुनाव आयोग, सरकार और नौकरशाही से निष्पक्ष भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि चुनाव के दौरान नौकरशाही और सरकार दोनों को पूरी तरह से तटस्थ रहना होगा। चुनाव आयोग को भी पूरी निष्पक्षता से काम करना होगा।”
उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य संस्था को किसी भी राजनीतिक दल का पक्ष नहीं लेना चाहिए और न ही किसी प्रकार से उसे बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा- “हम वर्तमान सरकार से एक बार फिर कहना चाहते हैं, आपको पूरी तरह से निष्पक्ष भूमिका निभानी होगी। हम इसके अलावा कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे और इस देश की जनता भी इसे स्वीकार नहीं करेगी।”
फखरुल ने यह भी स्पष्ट किया कि बीएनपी आगामी चुनावों को लेकर अपनी रणनीति पहले ही तय कर चुकी है और चुनाव केवल उसी समय-सीमा के भीतर होंगे, जो बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान और पार्टी के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के बीच जून में हुई बातचीत में तय की गई थी।
उन्होंने कहा- “हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि चुनाव हमारे नेता तारिक रहमान और मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के बीच जून में हुई बातचीत के बाद तय की गई समय-सीमा के भीतर ही होंगे। अन्यथा, कोई चुनाव नहीं होगा,” फखरुल ने दो टूक कहा।
बीएनपी लंबे समय से आरोप लगाती रही है कि मौजूदा प्रशासन चुनावी प्रक्रियाओं को प्रभावित करने के लिए सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग कर रहा है। पार्टी की यह मांग रही है कि चुनाव तटस्थ प्रशासन के तहत कराए जाएं ताकि सभी दलों को समान अवसर मिल सके।