

मानसून का मौसम जहां सुकून और ताजगी लेकर आता है, वहीं यह स्वास्थ्य के लिहाज से कई चुनौतियां भी खड़ी करता है। मानसून के मौसम में दूध पीना फायदेमंद है या नहीं, इसे लेकर लोगों के बीच अकसर भ्रम बना रहता है। जानिए इस पर क्या कहता है आयुर्वेद और विज्ञान, और किन बातों का रखें ध्यान।
मानसून में दूध पीना
New Delhi: मानसून का मौसम जहां सुकून और ताजगी लेकर आता है, वहीं यह स्वास्थ्य के लिहाज से कई चुनौतियां भी खड़ी करता है। बारिश के इस मौसम में पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है, जिससे पेट से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस मौसम में दूध पीना सेहत के लिए सही है या नुकसानदायक?
दूध पीने के फायदे
दूध एक संपूर्ण आहार माना जाता है, जो कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन डी, विटामिन बी12, पोटैशियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। दूध न केवल हड्डियों को मजबूत करता है, बल्कि इम्यून सिस्टम को भी दुरुस्त रखता है।
मानसून में इम्यूनिटी का रोल
बारिश के मौसम में वायरल इंफेक्शन, फ्लू, और बैक्टीरियल संक्रमण आम होते हैं। ऐसे में दूध में मिलाकर हल्दी, दालचीनी या अदरक जैसी चीज़ें डालकर पीना संक्रमण से बचाने में मदद कर सकता है। हल्दी वाला दूध यानी “गोल्डन मिल्क” मानसून में विशेष रूप से फायदेमंद माना जाता है।
आयुर्वेद का क्या कहना है?
आयुर्वेद के अनुसार, मानसून के समय वात और पित्त दोष बढ़ जाते हैं। ऐसे में ठंडी तासीर वाली चीज़ों से परहेज करने की सलाह दी जाती है। दूध की तासीर ठंडी मानी जाती है, लेकिन यदि इसे उबालकर और उचित मसालों के साथ लिया जाए, तो यह पाचन में सहायक हो सकता है।
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि मानसून में दूध खाली पेट या बहुत देर रात पीना पाचन तंत्र पर असर डाल सकता है। साथ ही, कफ की समस्या वाले लोगों को दूध से परहेज या सीमित मात्रा में सेवन की सलाह दी जाती है।
किन बातों का रखें ध्यान?