

अंतरराष्ट्रीय गोल्ड स्मगलिंग और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बॉलीवुड एक्ट्रेस रान्या राव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने कर्नाटक में उनकी चार संपत्तियां जब्त की हैं, जिसकी कुल कीमत 34.12 करोड़ रुपये बताई गई है। जांच के तहत यह भी पता चला है कि रान्या और उनके साथियों ने विदेशों से अवैध तरीके से सोना मंगाकर भारत में बेचा और हवाला के जरिए पैसे का लेन-देन किया। मामले में अभी भी कई खुलासे हो सकते हैं और जांच जारी है।
एक्ट्रेस रान्या राव (सोर्स-गूगल)
Mumbai: बॉलीवुड एक्ट्रेस रान्या राव की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। एक बड़े अंतरराष्ट्रीय गोल्ड स्मगलिंग और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने कर्नाटक के बेंगलुरु और तुमकुर जिलों में स्थित रान्या राव और उनके साथियों की कुल 34.12 करोड़ रुपये की चार संपत्तियां जब्त कर ली हैं। यह कार्रवाई PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत की गई है, जिसमें आरोपित की अवैध कमाई से जुड़ी संपत्तियों को अटैच किया जाता है।
संपत्तियां जब्त
ईडी ने जो संपत्तियां जब्त की हैं, उनमें बेंगलुरु के विक्टोरिया लेआउट में एक रिहायशी घर, अर्कावती लेआउट में एक प्लॉट, तुमकुर जिले में इंडस्ट्रियल जमीन और अनेकल तालुक में कृषि भूमि शामिल हैं। इन संपत्तियों की कुल कीमत लगभग 34.12 करोड़ आंकी गई है।
जांच की शुरुआत सीबीआई की एफआईआर से हुई
इस जांच की शुरुआत सीबीआई की एफआईआर से हुई थी, जो 7 मार्च 2025 को दर्ज की गई थी। इस एफआईआर के आधार पर डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने मुंबई एयरपोर्ट पर दो विदेशी नागरिकों को 21.28 किलो गोल्ड के साथ पकड़ा था। यह गोल्ड स्मगलिंग के जरिए भारत लाया जा रहा था, जिसकी कीमत लगभग 18.92 करोड़ बताई गई थी।
इसके कुछ ही दिन पहले, 3 मार्च को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा एयरपोर्ट पर रान्या राव को भी 14.2 किलो विदेशी सोने के साथ गिरफ्तार किया गया था। इस सोने की कीमत 12.56 करोड़ रुपये थी। उनके घर से 2.67 करोड़ नकदी और 2.06 करोड़ की गोल्ड ज्वेलरी भी बरामद हुई थी।
ईडी की जांच में हुआ खुलासा
ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ कि रान्या राव अपने साथियों के साथ मिलकर दुबई, युगांडा और अन्य देशों से गोल्ड की स्मगलिंग कर रही थीं। इस रैकेट में हवाला के माध्यम से कैश ट्रांसफर किया जाता था और गोल्ड को झूठे कस्टम डिक्लेरेशन के जरिए स्विट्जरलैंड या अमेरिका भेजा जा रहा था, जबकि असली डिलीवरी भारत में होती थी। इसके लिए दो तरह के ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल होता था एक कस्टम क्लियरेंस के लिए और दूसरा भारत में एंट्री के लिए।
स्मगल किए गए गोल्ड को भारत में स्थानीय ज्वेलर्स और खरीदारों को कैश में बेचा जाता था, और फिर हवाला के जरिए पैसा विदेश भेजा जाता था ताकि नई खेप मंगाई जा सके। जांच में मिले डिजिटल सबूतों जैसे मोबाइल चैट्स, फॉरेन इनवॉयस, कस्टम पेपर्स और हवाला लेनदेन ने रान्या की सक्रिय भूमिका को साबित किया है।
रान्या राव ने खुद को बताया निर्दोष
रान्या राव ने पूछताछ में खुद को निर्दोष बताया, यह कहते हुए कि उन्हें सोने की स्मगलिंग की जानकारी नहीं थी। लेकिन जांच के दौरान मिले सबूतों ने उनके इस दावे को झूठा साबित कर दिया। अब तक की जांच में ईडी ने 55.62 करोड़ रुपये की अवैध कमाई का पता लगाया है, जिसमें से 38.32 करोड़ रुपये दस्तावेजों, हवाला लेनदेन और डिजिटल ट्रेसिंग से सामने आए हैं।
ईडी की जांच में यह भी संकेत मिला है कि इस मामले में कुछ पब्लिक सर्वेंट्स की मिलीभगत भी हो सकती है, जिसके कारण जांच जारी है। अधिकारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।