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बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और हिंदी सिनेमा के ‘ही-मैन’ कहे जाने वाले धर्मेंद्र का आज निधन हो गया। उनके जाने से फिल्म इंडस्ट्री से लेकर देशभर के करोड़ों प्रशंसकों में शोक की लहर है। बचपन से ही फिल्मों का शौक और स्टार बनने का सपना उनके दिल में था। उन्होंने बालीवुड में प्रवेश पाने के लिए कई संघर्ष किए और फिल्मफेयर टैलेंट हंट में जीत के बाद मुंबई पहुंचे।
पंजाब से आकर कैसे बॉलीवुड में छाये धर्मेंद्र
Mumbai News: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और हिंदी सिनेमा के ‘ही-मैन’ कहे जाने वाले धर्मेंद्र का आज निधन हो गया। उनके जाने से फिल्म इंडस्ट्री से लेकर देशभर के करोड़ों प्रशंसकों में शोक की लहर है। पंजाबी मिट्टी से उठकर हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में शामिल होने तक धर्मेंद्र का सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं रहा।
पंजाब से मुंबई तक का सफर
धर्मेंद्र का जन्म पंजाब के लुधियाना जिले के नसराली गांव में हुआ। बचपन से ही फिल्मों का शौक और स्टार बनने का सपना उनके दिल में था। उन्होंने बालीवुड में प्रवेश पाने के लिए कई संघर्ष किए और फिल्मफेयर टैलेंट हंट में जीत के बाद मुंबई पहुंचे। यहीं से उनके फिल्मी सफर की शुरुआत हुई।
पहली फिल्म और पहचान
सन 1960 में आई फिल्म “दिल भी तेरा हम भी तेरे” से धर्मेंद्र ने पर्दे पर कदम रखा। कुछ ही वर्षों में उन्होंने अपनी गंभीर अदाकारी, आकर्षक पर्सनालिटी और दमदार संवाद अदायगी से दर्शकों को अपना दीवाना बना लिया।
‘ही-मैन’ बनने की कहानी
धर्मेंद्र की बॉडी, एक्शन और स्क्रीन प्रेजेंस ने उन्हें इंडस्ट्री का ‘ही-मैन’ बना दिया। शोले, सीता और गीता, धरम वीर, चुपके चुपके, अनुपमा, यादों की बारात जैसी फिल्मों ने उन्हें हर घर का पसंदीदा सितारा बना दिया। जयवीर, वीरू और रमेश जैसे किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में बसे हुए हैं।
रोमांस, कॉमेडी और एक्शन-हर रोल में कमाल
धर्मेंद्र की खूबी थी कि वे हर शैली में खुद को ढाल लेते थे। जहां एक ओर शोले में वीरू बनकर दर्शकों को हंसाया और रुलाया, वहीं चुपके चुपके में उनकी कॉमिक टाइमिंग आज भी क्लासिक मानी जाती है। अपने समय के वे सबसे बहुमुखी अभिनेताओं में से एक थे।
लंबा करियर और सिनेमा में योगदान
धर्मेंद्र ने अपने करियर में 100 से ज्यादा सुपरहिट फिल्में दीं। उनकी लोकप्रियता आज भी नई पीढ़ी में कम नहीं हुई। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।