

जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर पर बिहार के राघोपुर में अचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अनुमत सीमा से अधिक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस मामले को लेकर बिहार चुनाव आयोग ने भी संज्ञान लिया है।
प्रशांत किशोर की बढ़ी मुश्किलें
Patna: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच जन सुराज के नेता और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर अचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। राघोपुर के पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया, जिसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया है।
भारतीय चुनावों में अचार संहिता (Model Code of Conduct) चुनावी प्रक्रिया के दौरान लागू होती है और इसका उद्देश्य निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करना होता है। अचार संहिता के अंतर्गत किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल को प्रचार के दौरान कुछ नियमों का पालन करना होता है। इस संहिता के तहत चुनाव प्रचार के लिए निर्दिष्ट समय और तरीके होते हैं। प्रशांत किशोर पर आरोप है कि उन्होंने बिना अनुमति के और निर्धारित सीमा से अधिक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जो सीधे तौर पर अचार संहिता का उल्लंघन है।
प्रशांत किशोर की बढ़ी मुश्किलें
प्रशांत किशोर के खिलाफ यह मामला राघोपुर में दर्ज किया गया, जो बिहार राज्य के एक महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है। राघोपुर में उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चुनाव प्रचार के लिए तय नियमों का उल्लंघन किया गया। प्रशांत किशोर इस समय बिहार में जन सुराज अभियान चला रहे हैं, और उनका यह अभियान राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को लेकर काफी चर्चा में है। ऐसे में उनके खिलाफ यह मामला राजनीतिक और कानूनी दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
प्रशांत किशोर ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह आरोप राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा हो सकता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की अनुमति ली थी और सभी नियमों का पालन किया था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि प्रशासन ने कोई गलती की है तो वे इसे सुधारने के लिए तैयार हैं। किशोर का कहना था कि उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य राज्य में जागरूकता फैलाना और लोगों के बीच सकारात्मक संदेश देना था।
बिहार चुनाव आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और उन्होंने राघोपुर पुलिस को मामले की पूरी जांच करने का आदेश दिया है। चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि अचार संहिता का उल्लंघन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अगर कोई राजनीतिक नेता या पार्टी इसका उल्लंघन करती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने इस मामले में सख्ती से निपटने का इरादा जताया है।