Bihar Polls: चुनावी सरगर्मियों के बीच फंसे प्रशांत किशोर, आयोग ने भेजा नोटिस; जानिये क्या हो सकता है एक्शन?

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर विवादों में हैं। चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में उनका नाम दो राज्यों बिहार के रोहतास जिले और पश्चिम बंगाल के कोलकाता की वोटर लिस्ट में दर्ज पाया गया है। पढ़िये पूरी खबर

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 28 October 2025, 12:18 PM IST
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Patna: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से पहले जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर नई मुसीबत में घिर गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव आयोग के दस्तावेज़ों में प्रशांत किशोर का नाम दो राज्यों की मतदाता सूची में दर्ज है एक पश्चिम बंगाल में और दूसरा बिहार में। जिसके चलते चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर दिया है और तीन दिन में जवाब मांगा है।

बता दें कि कोलकाता की मतदाता सूची में प्रशांत किशोर का पता 121, कालीघाट रोड दर्ज है, जो कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) का मुख्य कार्यालय है। यही इलाका मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधानसभा क्षेत्र भवानीपुर में आता है। वहीं, बिहार की वोटर लिस्ट में उनका नाम रोहतास जिले के कोंअर गांव में दर्ज है जो उनका पैतृक स्थान है। वहां उनका मतदान केंद्र माध्य विद्यालय, कोंअर बताया गया है।

एक से अधिक जगह वोटर होना अपराध

भारत के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 और धारा 18 के तहत किसी व्यक्ति का नाम एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में नहीं हो सकता। यदि कोई व्यक्ति एक क्षेत्र से दूसरे में निवास बदलता है, तो उसे Form-8 भरकर पुराने क्षेत्र से नाम हटवाना होता है। इस कानून के तहत, दो राज्यों में एक साथ नाम दर्ज होना कानूनी उल्लंघन है और इसके लिए व्यक्ति को अयोग्य घोषित किया जा सकता है।

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टीम PK की सफाई

रिपोर्ट के अनुसार, इस विवाद पर प्रशांत किशोर ने कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन उनकी टीम के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि “बंगाल चुनाव के बाद उन्होंने बिहार में वोटर कार्ड बनवाया था और बंगाल का कार्ड रद्द कराने के लिए आवेदन भी दिया है।” हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि बंगाल वाला नामांकन अब तक रद्द हुआ या नहीं।

TMC और विपक्ष की प्रतिक्रिया

भवानीपुर वार्ड की स्थानीय पार्षद काजरी बनर्जी जो ममता बनर्जी की भाभी हैं ने कहा कि “121, कालीघाट रोड TMC का दफ्तर है। किशोर यहां चुनावी काम से आते थे, पर उन्होंने वहीं से वोटर कार्ड बनवाया या नहीं, यह नहीं पता।”
वहीं, सीपीएम ने दावा किया कि उसने पहले ही चुनाव आयोग को शिकायत भेजी थी कि किशोर बंगाल के निवासी नहीं हैं और उनका नाम मतदाता सूची से हटाया जाए।

जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर (सोर्स- गूगल)

EC की सघन सफाई मुहिम में खुला मामला

देशभर में चुनाव आयोग ने हाल ही में वोटर लिस्ट की विशेष पुनरीक्षण मुहिम (Special Intensive Revision) शुरू की है ताकि डुप्लिकेट वोटरों की पहचान हो सके। बिहार में इस प्रक्रिया के दौरान 68.66 लाख नाम हटाए गए, जिनमें से करीब 7 लाख वोटर दो जगह दर्ज पाए गए। इसी समीक्षा के दौरान यह मामला प्रकाश में आया।

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जन सुराज के लिए बढ़ी मुश्किलें

बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह विवाद प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी जन सुराज के लिए एक राजनीतिक संकट बन गया है। अगर यह साबित होता है कि उन्होंने जानबूझकर दो राज्यों में नाम दर्ज करवाया, तो चुनाव आयोग उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता है और उन्हें मतदान से अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है।

Location : 
  • Patna

Published : 
  • 28 October 2025, 12:18 PM IST