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                        छपरा से खेसारी लाल और बीजेपी की छोटी कुमारी के बीच चुनावी जंग रोचक हो गई है। जनता ने डाइनामाइट न्यूज़ से खास बातचीत में कहा कि विकास, बेरोजगारी और पलायन इस बार के मुख्य मुद्दे हैं। लोगों का कहना है कि अब चेहरा नहीं, काम चाहिए।
 
                                            Khesari Lal Yadav का चुनावी हाल
Chhapra: बिहार की सियासत में इस बार छपरा लोकसभा सीट पूरे राज्य का सबसे चर्चित राजनीतिक मैदान बन चुकी है। वजह है… भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव का मैदान में उतरना। आरजेडी ने उन्हें उम्मीदवार बनाकर चुनाव को हाई-प्रोफाइल बना दिया है, वहीं बीजेपी ने छोटी कुमारी पर भरोसा जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस सीट पर छोटी कुमारी के समर्थन में जनसभा कर चुके हैं, जिससे मुकाबला और दिलचस्प हो गया है। लेकिन, जब डाइनामाइट न्यूज़ की टीम छपरा की गलियों और बाजारों में पहुंची, तो जनता के सुर कुछ और ही थे। लोगों ने खुले शब्दों में कहा कि अब छपरा को चेहरों नहीं, विकास की जरूरत है।
छपरा के एक वोटर ने बताया कि यहां के नेताओं ने हमें सिर्फ वादे दिए हैं। हर चुनाव में सड़क, रोजगार और अस्पताल की बातें होती हैं, पर नतीजा वही जीरो। अब जनता जाग चुकी है, जो भी विकास करेगा, उसे ही वोट देंगे। वहीं, दूसरे निवस ने कहा कि यहां बेरोजगारी चरम पर है। हम पढ़े-लिखे बेरोजगार हैं, सरकारें आती-जाती हैं, लेकिन रोजगार पर किसी की नजर नहीं जाती। इस बार वोट रोजगार देने वाले को ही मिलेगा।
भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव को लेकर जनता की राय मिली-जुली दिखी। कुछ लोग उन्हें “बदलाव की उम्मीद” मान रहे हैं तो कुछ कहते हैं कि फिल्मी दुनिया और राजनीति दो अलग रास्ते हैं।
छपरा जिले में पलायन का दर्द हर घर की कहानी है। हर मोहल्ले से कोई न कोई दिल्ली, मुंबई या पंजाब में मजदूरी करता है। एक स्थानीय दुकानदार ने बताया कि यहां के युवा रोज़गार के लिए बाहर भाग रहे हैं। जो नेता पलायन रोक देगा, वही जनता का सच्चा प्रतिनिधि होगा। लोगों का कहना है कि शिक्षा, स्वास्थ्य और साफ-सफाई जैसी बुनियादी सुविधाएं आज भी अधूरी हैं। अस्पतालों में डॉक्टर नहीं, स्कूलों में शिक्षक नहीं यहां की आम जनता इसी पीड़ा से जूझ रही है।
ज्यादातर वोटरों का मानना है कि छपरा में इस बार मुद्दे पर वोटिंग होगी, जाति या पार्टी पर नहीं। कई लोगों ने कहा कि 15 सालों से सरकारें बदलती रहीं, पर नतीजा वही रहा। छपरा की जनता ने कहा कि हम बदलाव चाहते हैं। भाजपा और जेडीयू ने बहुत मौके पाए, अब हमें कुछ नया चाहिए। खेसारी लाल जैसे नए चेहरे को मौका देने में बुराई नहीं। हालांकि, कुछ लोग अब भी बीजेपी के समर्थन में दिखे।
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जब टीम ने लोगों से सीधे पूछा कि इस बार छपरा से कौन जीतेगा? तो ज़्यादातर लोग चुप हो गए। कई ने कहा, “अभी कहना मुश्किल है, चुनाव के आखिरी दिन जनता का मूड तय होगा।” फिलहाल, इतना जरूर साफ है कि छपरा की जनता बदलाव चाहती है, और इस बदलाव की लड़ाई में खेसारी लाल यादव की परीक्षा सबसे कठिन साबित होने वाली है।
