

कानपुर के उस्मानपुर गांव स्थित एक इंटर कॉलेज में दबंगों ने ताले तोड़कर तोड़फोड़ की और तीन लाख रुपये नकद, लैपटॉप व CCTV की डीवीआर लूट ली। कॉलेज प्रबंधक व उनकी पत्नी से भी बदसलूकी की गई। मामला पुराने भूमि विवाद से जुड़ा बताया जा रहा है। इस घटना ने स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इंटर कॉलेज में दबंगों का आतंक
Kanpur: कानपुर के हनुमंत विहार क्षेत्र स्थित एक इंटर कॉलेज में दबंगों द्वारा की गई तोड़फोड़ और लूट की घटना ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कॉलेज में घुसकर मुख्य गेट का ताला तोड़ने, ऑफिस में तोड़फोड़ करने और प्रबंधक दंपत्ति से बदसलूकी करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। मामला न्यायालय में विचाराधीन विवाद से जुड़ा बताया जा रहा है, जबकि पुलिस जांच कर रही है।
कॉलेज में घुसे दबंगों ने की तोड़फोड़ और लूट
घटना थाना हनुमंत विहार क्षेत्र के उस्मानपुर गांव की है, जहां स्थित एक निजी इंटर कॉलेज में रविवार शाम को करीब 20 से 25 लोगों ने अचानक धावा बोल दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने सबसे पहले कॉलेज के मुख्य गेट का ताला तोड़ा, फिर अंदर घुसकर ऑफिस का शीशे का दरवाजा भी तोड़ डाला। तोड़फोड़ यहीं नहीं रुकी—प्रिंसिपल के कमरे में भी घुसकर फर्नीचर और फाइलों को नुकसान पहुंचाया गया। स्कूल में रखे करीब तीन लाख रुपये नकद, एक लैपटॉप और सीसीटीवी की डीवीआर मशीन भी उठाकर ले जाने का आरोप दबंगों पर है।
प्रबंधक और उनकी पत्नी से भी की गई अभद्रता
घटना की सूचना मिलने पर स्कूल के प्रबंधक संजय त्रिपाठी और उनकी पत्नी निशा त्रिपाठी तुरंत मौके पर पहुंचे। लेकिन दबंगों ने उनके साथ भी गाली-गलौज और धक्का-मुक्की की। निशा त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि वह कॉलेज की संचालक हैं और यह कॉलेज एक लंबे समय से अदालत में चल रहे विवाद का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के भिखारी लाल नामक व्यक्ति ने अपने साथियों के साथ मिलकर यह हमला करवाया। संजय त्रिपाठी ने जब इसका विरोध किया, तो उन्हें जान से मारने की धमकी तक दी गई।
पुलिस को दी गई सूचना
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रबंधक दंपत्ति ने डायल 112 पर पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और प्रारंभिक जांच शुरू की। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली गई है, और घटना के वीडियो फुटेज तथा अन्य साक्ष्यों के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, अभी तक किसी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सभी आरोपों की बारीकी से जांच की जा रही है, और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
इलाके में तनाव का माहौल
इस घटना के बाद स्थानीय निवासियों और अभिभावकों में भारी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि यदि शिक्षा जैसे पवित्र स्थान पर इस तरह की दबंगई खुलेआम हो रही है, तो बच्चों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी? एक स्थानीय नागरिक ने कहा कि बच्चे डर के माहौल में कैसे पढ़ेंगे? ऐसे संस्थानों में सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। वहीं कई लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि न्यायालय में विचाराधीन किसी संपत्ति विवाद को लेकर इस तरह की हिंसा होना लोकतंत्र और कानून-व्यवस्था दोनों का मखौल है।