महिलाओं की रक्षा करने वाले बने भक्षक: अफसरों ने नाबालिग लड़की को दोबारा हैवान के घर भेजा, फिर हुई दरिंदगी

पन्ना में एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां एक नाबालिग पीड़िता को बाल कल्याण समिति ने बिना उचित जांच के रिश्तेदार महिला के हवाले कर दिया। इसके बाद आरोपी ने फिर से बलात्कार किया, जिससे मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 4 September 2025, 3:57 PM IST
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Madhya Pradesh: पन्ना में एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां एक नाबालिग पीड़िता को बाल कल्याण समिति ने बिना उचित जांच के रिश्तेदार महिला के हवाले कर दिया। इसके बाद आरोपी ने फिर से बलात्कार किया, जिससे मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

क्या है पूरा मामला?

मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में एक बेहद ही शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। जिसमें एक नाबालिग के साथ दोबारा बलात्कार की घटना हुई है। घटना का मुख्य बिंदु यह है कि बाल कल्याण समिति ने बिना उचित जांच के पीड़िता को उसकी रिश्तेदार महिला के हवाले कर दिया, जिसके बाद आरोपी ने फिर से अपराध का अंजाम दिया।

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आरोपी इस वक्त जमानत पर बाहर

जानकारी के अनुसार नाबालिग को जनवरी में स्कूल से निकलने के बाद घर नहीं पहुंचने पर परिजनों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने उसकी खोजबीन कर उसे 17 फरवरी को हरियाणा के गुरुग्राम से बरामद किया। इस मामले में आरोपी राम प्रसाद कुशवाहा को भी गिरफ्तार किया गया था। जो वर्तमान में जमानत पर बाहर है।

बिना जांच के पीड़िता को भेजा रिश्तेदार महिला के घर

बाल कल्याण समिति ने 29 मार्च को नियमों का उल्लंघन करते हुए पीड़िता को उसकी एक रिश्तेदार महिला के घर भेज दिया। यह कदम पूरी तरह से बिना जांच-पड़ताल के उठाया गया था, जोकि बाल संरक्षण नियमों के खिलाफ है। वहां पहुंचकर आरोपी ने फिर से नाबालिग का शोषण किया।

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फिर कैसे हुआ खुलासा?

इस घटना का पता तब चला, जब पीड़िता के स्वजनों ने बेटी को सुपुर्द करने के लिए कलेक्टर के समक्ष आवेदन दिया। कलेक्टर ने इस मामले में समिति से पुनर्विचार करने को कहा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। 29 अप्रैल को पीड़िता को वन स्टाप सेंटर भेजा गया, जहां उसकी शिकायत के आधार पर पता चला कि उसके साथ फिर से दुष्कर्म हुआ है।

अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

मामले की गम्भीरता को देखते हुए छतरपुर एसपी ने इसकी जांच एडिशनल एसपी की निगरानी में शुरू की। जांच में पाया गया कि बाल कल्याण समिति की लापरवाही और गलत फैसले ने नाबालिग को फिर से शोषण का शिकार बनाया। इसके बाद पुलिस ने समिति के अध्यक्ष भानुप्रताप जड़िया, सदस्य अंजलि भदौरिया और आशीष बास सहित अन्य संबंधित लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोपियों में बाल विकास विभाग के अधिकारी, वन स्टाप सेंटर की कर्मचारी, समिति के सदस्य एवं अन्य शामिल हैं। इन सभी पर पॉक्सो अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस ने समिति सदस्य आशीष बास को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

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