

दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में एक 15 वर्षीय छात्र पर उसके ही स्कूल के दोस्तों ने चाकू से हमला कर दिया। हमले के बाद बच्चा खुद थाने पहुंचा और शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तीनों नाबालिग आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
New Delhi: राजधानी दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में एक सनसनीखेज घटना ने सबको चौंका दिया। यहां सिर पर स्कूल बैग और सीने में चाकू धंसा हुआ एक 15 वर्षीय छात्र सीधे थाने पहुंच गया। खून से लथपथ यह बच्चा खुद अपनी आपबीती लेकर पुलिस स्टेशन आया, जिससे वहां मौजूद पुलिसकर्मी भी सन्न रह गए।
जानकारी के मुताबिक, पीड़ित सरवोदय बाल विद्यालय, आराम बाग का छात्र है। हमले की वजह आपसी रंजिश बताई जा रही है। पुलिस के अनुसार, करीब 10-15 दिन पहले एक आरोपी लड़के की किसी बात को लेकर पिटाई हुई थी, और उसे शक था कि इस पिटाई में पीड़ित का हाथ है। बदला लेने की नीयत से आरोपी ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर हमले की साजिश रची।
गुरुवार को जैसे ही पीड़ित स्कूल से छुट्टी के बाद बाहर निकला, तीनों लड़कों ने उसे स्कूल गेट पर रोक लिया। पहले गाली-गलौज हुई, फिर झगड़ा बढ़ा और तभी एक लड़के ने बीयर की टूटी बोतल दिखाकर डराया। उसी दौरान मुख्य आरोपी ने पीड़ित के सीने में चाकू घोंप दिया, जबकि बाकी दो लड़कों ने उसे पकड़े रखा। वारदात के बाद हमलावर वहां से फरार हो गए।
पुलिस ने नाबालिग आरोपियों को किया गिरफ्तार
हैरत की बात यह रही कि पीड़ित बच्चा बिना घबराए और मदद का इंतजार किए सीधे पास के पुलिस थाने पहुंचा। उसके सीने में चाकू फंसा हुआ था, फिर भी उसने साहस दिखाते हुए घटना की जानकारी दी। पुलिस ने तुरंत उसे अस्पताल भिजवाया, जहां उसका इलाज जारी है। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की हालत अब स्थिर है और समय रहते इलाज शुरू होने से जान बच गई।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए घटनास्थल का निरीक्षण किया और बीयर की टूटी बोतल बरामद कर ली। स्थानीय सुराग और सीसीटीवी फुटेज की मदद से कुछ ही घंटों में तीनों नाबालिग आरोपियों को आराम बाग इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया। हमले में इस्तेमाल किया गया चाकू भी बरामद कर लिया गया है।
पुलिस के अनुसार, सभी आरोपी नाबालिग हैं और एक ही स्कूल के छात्र हैं। मामले में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है।
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इस घटना के बाद से स्कूल प्रशासन और दिल्ली सरकार की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। स्कूल गेट के बाहर इतनी गंभीर वारदात हो जाना यह दर्शाता है कि सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी हैं। अब स्थानीय लोग और अभिभावक स्कूलों के बाहर सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इस घटना एक बार फिर यह सोचने को मजबूर कर देती है कि बच्चों में बढ़ता गुस्सा, बदले की भावना और हिंसक प्रवृत्ति को कैसे रोका जाए। साथ ही स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य और नैतिक शिक्षा पर अधिक जोर दिए जाने की जरूरत है।