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इलाज के बाद बिगड़ी हालत, डॉक्टरों ने मरीज को निकाला बाहर; रायबरेली में हंगामा

रायबरेली के मां चंद्रिका हॉस्पिटल पर मरीज उमेश कुमार ने इलाज में लापरवाही और बदसलूकी का आरोप लगाया है। पीड़ित का कहना है कि डॉक्टरों ने उनकी शिकायत सुनने के बजाय उन्हें अस्पताल से बाहर निकाल दिया। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
Post Published By: Asmita Patel
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इलाज के बाद बिगड़ी हालत, डॉक्टरों ने मरीज को निकाला बाहर; रायबरेली में हंगामा

Raebareli: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद में स्थित सरेनी क्षेत्र के मां चंद्रिका हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगे हैं। एक स्थानीय निवासी उमेश कुमार ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही और बदसलूकी का आरोप लगाते हुए सरेनी कोतवाली में लिखित शिकायत दी है। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है और अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।

इलाज के बाद बिगड़ी मरीज की हालत

जानकारी के अनुसार, सरेनी कस्बे के निवासी उमेश कुमार को कुछ दिन पहले हाथ में गंभीर चोट लग गई थी। परिजन उन्हें पास के मां चंद्रिका हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां मौजूद डॉक्टरों ने हाथ का एक्स-रे कर प्लास्टर किया। पहले दिन इलाज सामान्य लगा, लेकिन कुछ दिनों बाद उमेश के हाथ में तेज दर्द, गलन और सूजन बढ़ने लगी। उमेश ने बताया कि दर्द असहनीय हो गया तो वे दोबारा उसी अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया।

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‘इलाज नहीं मिला, उल्टा फटकार मिली’

पीड़ित उमेश कुमार ने बताया कि मैं अपने दर्द को लेकर डॉक्टरों के पास गया था, लेकिन उन्होंने मेरी बात तक नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि सब ठीक है और जब मैंने गलन और सूजन दिखाने की कोशिश की, तो मुझे अस्पताल से निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि लगातार दर्द के बावजूद डॉक्टरों ने किसी अन्य जांच की जरूरत नहीं समझी और लापरवाहीपूर्वक इलाज अधूरा छोड़ दिया।

निजी अस्पतालों की मनमानी पर उठे सवाल

इस घटना के बाद सरेनी क्षेत्र में एक बार फिर निजी नर्सिंग होम्स और छोटे अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में कई निजी अस्पताल ऐसे हैं जो बिना पर्याप्त चिकित्सकीय संसाधन, योग्य डॉक्टरों और स्टाफ के संचालित हो रहे हैं। कुछ लोग बताते हैं कि ऐसे अस्पताल न तो मानक इलाज देते हैं और न ही इमरजेंसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

क्षेत्र निवासी रमाकांत शुक्ला ने कहा कि यहां के छोटे अस्पतालों में अक्सर अनुभवहीन डॉक्टर इलाज करते हैं। प्रशासन को सख्त जांच करनी चाहिए ताकि मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ न हो।

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पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की जांच

इस मामले पर सरेनी थाना प्रभारी निरीक्षक रमेश चंद्र यादव ने कहा कि उन्हें पीड़ित की शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। अगर आरोप सही पाए गए, तो आवश्यक विधिक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, सरेनी सीएचसी प्रभारी शुभम सिंह ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि हम अस्पताल की जांच कराएंगे। अगर वहां मानक के विपरीत इलाज किया गया है या डॉक्टरों की ओर से कोई दुर्व्यवहार हुआ है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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