

मालेगांव ब्लास्ट केस में एनआईए कोर्ट के बरी किए गए सभी आरोपियों को बॉम्बे हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। पीड़ित परिवारों द्वारा की गई अपील पर हाईकोर्ट ने सुनवाई शुरू कर दी है। इसमें पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा और कर्नल प्रसाद पुरोहित भी शामिल हैं।
मालेगांव ब्लास्ट केस में नया मोड़
Mumbai: 2008 में मालेगांव में हुए बम विस्फोटों के मामले में नया मोड़ आया है। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने जुलाई 2023 में सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया था। यह फैसले के बाद मालेगांव ब्लास्ट पीड़ितों ने इसे चुनौती देने का निर्णय लिया है। अब इस फैसले पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है, और कोर्ट ने बरी किए गए सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया है।
मालेगांव ब्लास्ट केस में नया मोड़
मालेगांव ब्लास्ट के पीड़ितों के परिवारों ने एनआईए विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी और बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील दायर की। पीड़ित परिवारों का कहना है कि यह अदालत का फैसला सही नहीं है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए उच्च अदालत से मदद चाहिए। इन परिवारों ने आरोप लगाया है कि अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य को नजरअंदाज किया है और बरी किए गए आरोपियों को दोषी ठहराने में विफल रही है।
बॉम्बे हाईकोर्ट की सुनवाई में मुख्य बिंदु यह रहा कि सभी बरी किए गए आरोपियों को अब इस मामले में जवाब पेश करना होगा। कोर्ट ने यह निर्देश दिया कि आरोपियों को छह हफ्तों में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
• साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर: जिनका नाम इस मामले में सबसे ज्यादा चर्चित रहा है। साध्वी प्रज्ञा पर बम विस्फोट के लिए साजिश रचने का आरोप था, लेकिन विशेष अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था।
मालेगांव ब्लास्ट: पीड़ित परिवारों ने न्याय से जताई निराशा, एनआईए अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में देंगे चुनौती
• लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित: जिन्हें भी मालेगांव ब्लास्ट के सिलसिले में आरोपी बनाया गया था, लेकिन अदालत ने उन्हें भी बरी कर दिया था।
• अन्य पांच आरोपी भी इस केस में शामिल थे जिनमें से कुछ पहले से ही जेल में थे और कुछ जमानत पर बाहर आए थे।