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मुंबई के आर ए स्टूडियो में ऑडिशन के बहाने पंद्रह से बीस बच्चों को रोककर बंधक बनाए जाने की घटना में आरोपी रोहित गिरफ्तार हुआ है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर सभी बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया। आरोपी ने पूछताछ में कहा कि उसे केवल कुछ सवाल पूछने थे। घटना से इलाके में दहशत फैल गई है।
स्टूडियो के बाहर जमा हुई भीड़
Mumbai: मुंबई के पवई इलाके में गुरुवार को एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब आर ए स्टूडियो के नाम से चल रहे एक प्रतिष्ठित दिखने वाले स्थान पर ऑडिशन के बहाने बीस बच्चों को अंदर बंद कर लिया गया। सुबह भारी संख्या में करीब सौ बच्चे ऑडिशन देने पहुंचे थे।
इस दौरान, स्टूडियो में काम करने वाले और यूट्यूब चैनल से जुड़े आरोपी रोहित ने कुछ बच्चों को जाने दिया, जबकि लगभग बीस बच्चों को भीतर रोक लिया गया। बच्चों के खिड़की से बाहर झांकते दिखने पर गली में मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई और तुरन्त पुलिस को सूचित किया गया।
सूचना मिलते ही स्थानीय थाना और स्पेशल टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्टूडियो को घेरकर माहौल को नियंत्रित किया और रणनीति बनाकर बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। अधिकारियों ने बताया कि बच्चों को किसी भी तरह का शारीरिक नुकसान नहीं हुआ और सभी को मानसिक रूप से सहारा देने के लिए परिवार वालों के हवाले कर दिया गया। इलाके में जमा अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली, पर घटना ने स्थानीय समुदाय में भय और सवाल भी छोड़ दिए।
जांच के दौरान पुलिस ने रोहित को हिरासत में लिया। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने दावा किया कि वह कोई आतंकी नहीं है और उसका उद्देश्य सिर्फ कुछ सवाल पूछना था। उसके बयान में असंगति और पूर्व गतिविधियों की पुष्टि के लिए पुलिस उसके कथन की तहकीकात कर रही है। रोहित पिछले चार-पांच दिन से ऑडिशन करवा रहा था, यह जानकारी स्थानीय लोगों ने दी। पुलिस अब देख रही है कि क्या उसके साथ किसी और का भी हाथ था और क्या बच्चे किसी प्रकार के आचरण या मानसिक दबाव में आए थे।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि स्टूडियो की परमिट स्थिति, वहां मिलने वाली सुरक्षा मानकों और ऑडिशन की प्रक्रिया की वैधता की भी जांच की जा रही है। साथ ही यह देखा जा रहा है कि क्या किसी अभिभावक की सहमति के बिना बच्चों को वहां बुलाया गया था और क्या किसी तरह का वसूली या शोषण का उद्देश्य था। बाल कल्याण विभाग को भी सूचित कर और सामाजिक कार्यकर्ताओं की टीम बच्चों से बात करने के लिए बुलायी गई है।
स्थानीय नागरिकों ने घटना की निंदा करते हुए मांग की है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़ी निगरानी होनी चाहिए और ऐसे स्टूडियो जो सार्वजनिक-विश्वास पर काम करते हैं, उनकी पृष्ठभूमि और लाइसेंसिंग की जांच नियमित रूप से हो। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले की गहनता से छानबीन की जाएगी और किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।